सामना संवाददाता / मुंबई
हास्य कलाकार कुणाल कामरा ने अपने कार्यक्रम में किसी का नाम नहीं लिया। फिर भी ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ वाली कहावत के मुताबिक, एकनाथ शिंदे के कार्यकर्ताओं ने खुद पर ही तंज समझकर तोड़फोड़ की। हमला करनेवाले सरकार में शामिल घटक दल के कार्यकर्ता हैं। क्या उन्हें अपनी सरकार, संविधान, कानून और गृह विभाग पर भरोसा नहीं है? क्या उन्होंने कानून अपने हाथ में ले लिया? शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया यह उत्पात देखकर क्या सत्तारूढ़ दल महाराष्ट्र को तालिबान बनाना चाहता है? इस तरह का तीखा सवाल महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने उठाया है।
गांधी भवन में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कुणाल कामरा मामले में एकनाथ शिंदे के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई तोड़फोड़ की निंदा की। उन्होंने आगे कहा कि कुणाल कामरा का कार्यक्रम जिस स्टूडियो में हुआ, वह उनका नहीं है। यहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। सभी विचारधाराओं के लोग यहां कार्यक्रम करते हैं। भाजपा नेता और मंत्री आशीष शेलार का सम्मान समारोह भी यहीं हुआ था। यह स्टूडियो एक स्वतंत्रता सेनानी का है, जिन्होंने देश को आजादी मिलने तक शादी नहीं की। जैसे ही स्वतंत्रता मिली, उसके बाद ही उन्होंने विवाह किया।
क्या दंगाई कार्यकर्ताओं से होगी वसूली
नागपुर के दंगाइयों से नुकसान की भरपाई वसूल करने की बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही थी तो क्या सरकार एकनाथ शिंदे और उनके दंगाइयों से भी वसूली करेगी? इसका जवाब दिया जाना चाहिए। नागपुर दंगे के आरोपी फहीम खान के घर पर सरकार ने बुलडोजर चलाया है। फडणवीस के मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री नितेश राणे ने भड़काऊ और उकसाने वाले बयान दिए हैं तो क्या फडणवीस नितेश राणे के घर पर भी बुलडोजर चलाएंगे? इस तरह का सवाल भी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने उठाया है।