सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की ईडी २.० यानी भाजपा महायुति सरकार अपने पसंदीदा बिल्डर मित्रों के लिए काम करती है, यह कोई नई बात नहीं है। अब उद्योगपतियों और बिल्डरों के हित में काम करते हुए यह सरकार भूमिपुत्रों के अधिकारों पर हमला कर रही है। इसी के तहत एक बिल्डर मित्रों के फायदे के लिए बांद्रा के ४०० साल पुराने चिंबई गांव को झुग्गी घोषित किया गया है। मुंबई के भूमिपुत्रों को बेदखल करने की यह साजिश है। बिल्डर मित्र के स्वार्थ के लिए मुंबई के मूल निवासियों को झुग्गीवासी घोषित किया जा रहा है। इस तरह का आरोप लगाते हुए मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा है कि हम मुंबई के गांवठन और कोलीवाड़ों की पहचान मिटने नहीं देंगे।
सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा कि भाजपा सरकार ने बांद्रा के निवासियों को १३ फरवरी से एसआरए के तहत पुनर्विकास सर्वेक्षण के लिए नोटिस भेजी है। यह अत्यंत चौंकाने वाला कदम है। इस घोटाले के खिलाफ निवासियों ने एकजुट होकर संघर्ष शुरू किया है। इस संघर्ष में कांग्रेस पार्टी भूमिपुत्रों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने मांग की कि सरकार को एसआरए सर्वेक्षण तुरंत रद्द करना चाहिए। मुंबई के किसी भी गांव या कोलीवाड़े में झोपड़पट्टी पुनर्विकास योजना लागू नहीं की जानी चाहिए। मुंबई के सभी गांवठन और कोलीवाड़ों का मैपिंग विकास योजना में शामिल किया जाना चाहिए। गांवठन और कोलीवाड़ों की ऐतिहासिक पहचान बनाए रखते हुए नियोजित पुनर्विकास के लिए तुरंत नीति घोषित करें।
अडानी के खजाने में भूमि डाल रही सरकार
वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि भाजपा सरकार पहले ही मुंबई के महत्वपूर्ण और रणनीतिक भूमि को अडानी के खजाने में डाल रही है। अब इस भ्रष्ट भाजपा महायुति सरकार की नजर भूमिपुत्रों की जमीन पर पड़ी है। उन्हें बेदखल करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुंबईकरों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी तैयार है। बांद्रा के भूमिपुत्रों के अधिकारों के लिए यदि जरूरत पड़ी तो सड़कों पर उतरकर हम संघर्ष करेंगे।