सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में महायुति सरकार के गठन के बाद अब लाडली बहन योजना में गड़बड़ी की जांच का एलान हुआ है। महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने इस संबंध में जानकारी दी। उनके अनुसार, कई लाभार्थियों ने नियमों का उल्लंखन किया है, जिनकी जांच की जाएगी। अब सवाल उठता है कि जब योजना शुरू हुई तब सरकार ने इन सब तथ्यों की जांच क्यों नहीं की, क्या यह सिर्फ चुनावी फायदा उठाने की एक चाल थी?
चुनाव से पहले इस योजना को शुरू करने जनता के बीच अपनी छवि चमकाने के प्रयासों को लेकर सरकार अब अपनी नाकामी छुपा रही है। इस योजना के तहत २ करोड़ ६३ लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से २ करोड़ ४७ लाख आवेदन योग्य माने गए, लेकिन अब जब योजना के लाभार्थियों की जांच हो रही है तो सवाल यह उठता है कि क्या शुरुआत में ही इन सभी आवेदनों की सही तरीके से जांच नहीं की गई थी? क्या चुनाव से पहले सभी मानदंडों का पालन नहीं किया गया?
सरकार का यह कदम अब कई महिलाओं के लिए सिर दर्द बन सकता है। जिन महिलाओं के पास चार पहिया वाहन है, जिनकी आय निर्धारित सीमा से अधिक है या जिनका कार्ड और बैंक खाता अलग-अलग नाम से है, वे अब इस योजना से बाहर हो सकती हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ये केवल सरकारी खजाने की बर्बादी है।
आखिरकार, जब सरकार को यह गड़बड़ी पहले से पता थी तो चुनाव के समय इसे क्यों नजरअंदाज किया गया? क्या यह केवल चुनावी राजनीति का हिस्सा था, ताकि महिलाओं को लुभाया जा सके? अब इस जांच का केवल एक उद्देश्य प्रतीत होता है और वह है जनता को भ्रमित करना। सच कहा जाए तो यह कदम सरकार की लापरवाही और चुनावी स्वार्थ की ओर इशारा करता है।
सत्ता मिलने के बाद बहनें नहीं रहीं लाडली?
‘लाडली बहन’ योजना में लाभार्थी बहनों की स्क्रूटिनी करने का पैâसला महायुति सरकार ने लिया है। इस पर कांग्रेस आक्रामक हो गई है। कांग्रेसी नेताओं ने सवाल किया है कि लाडली बहनों के वोट मिलने से सरकार में आई महायुति को क्या अब नियम और शर्तों की याद आई। लाडली और बिना लाडली जैसा भेदभाव क्यों कर रहे हो? क्या सत्ता मिलने के बाद बहनें लाडली नहीं रह गई। उल्लेखनीय है कि महिला व बाल कल्याण मंत्री अदिती तटकरे ने गुरुवार को घोषणा की थी कि ‘लाडली बहन’ योजना की लाभार्थियों की स्क्रूटिनी की जाएगी। इस स्क्रूटिनी के बाद राज्य में लाखों लाभार्थी महिलाओं के योजना से बाहर होने की संभावना है। इस पर कांग्रेस ने महायुति सरकार पर तंज कसा है। कांग्रेस की महिला सांसद प्रणिती शिंदे और विधान परिषद में कांग्रेस के गट नेता सतेज पाटील ने इस पर सरकार को खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने सवाल किया है कि अब वैâसे नियम-शर्तें याद आर्इं? जिस समय यह योजना शुरू हुई, उस समय वित्त विभाग ने फाइल पर क्या लिखा था? क्या फाइल पर यह लिखा था कि इसमें नियम और शर्तें शामिल करो।