मुख्यपृष्ठस्तंभमैथिली व्यंग्य : गरमी

मैथिली व्यंग्य : गरमी

डॉ. ममता शशि झा
मुंबई

चुनावी बिगुल के बजिते सब नेता अहि भिषण गरमि में अपन पाई के गरमि नुकबइत, जित के प्रयास में अपन शीतल व्यवहार सऽ जनता के मोन जीत में लागि गेल छलाह। जितना बाबु सेहो। जितन बाबु एसी गाड़ी में बैठ क अपन सेक्रेटरी मोहन बाबू के पुछलखिन ‘अहि बेर के चुनावी एजेंडा कि छनि नेता सबके?’
मोहन बाबू ‘कि रहतइ महराज, पछिले बेर बला, गरिबि, अशिक्षा, स्वास्थ्य, स्त्रि-पुरुष असमानता, किसान आत्महत्या, आजादी के एतेक भर्गो बादो एजेंडा थोड़े बदललइया।’
जितन बाबु के एसी कारों में पसिना चुबि रहल छलनि ‘कनि गाड़ी के कूलिंग बढ़ाब लेल कहिययु ड्राइवर के अहि बेर के चुनाव प्रचार में बड़ मुश्किल लागि रहल अछी!’
मोहन बाबु ‘अहां अहि के चुनावी मुद्दा बना लिय, अजुका नबतुरीया सब पर्यावरण के ले के बहुत संवेदनशील छइ, अहि तरहे नबतुरीया के वोट अहि लग आयत।’
‘से कोना?’ जितन बाबु उत्सुक भ क पूछलखिन।
‘पर्यावरण संरक्षण के देखाब लेल अहाँ पहाड़ी क्षेत्र के दौरा कर लेल चलि जाऊ’ मोहन बाबु राय देलखिन।
जितन बाबु प्रश्नवाचक मुद्रा में ‘मुदा हमर क्षेत्र त इ अछी?’ मोहन बाबु ‘नहि बुझलियइ पर्यावरण के सुरक्षित राख के लेल अहाँ प्रत्येक पहाड़ी इलाका के टूरिस्ट जगह पर जा क वीडियो बनाउ, आ ओत स अपना क्षेत्र में लाइव प्रसारित कराउ।’
जितन बाबु ‘मुदा हम अपन जनता से कोना जूडब?’ मोहन बाबु ‘अहि टेक्नोलॉजी के सहारे!’
जितन बाबु ‘से कोना?’
मोहन बाबु कुटिलता से ‘बड़का मैदान में बहुत बड़का स्टेज बना, सबसे पैघ एलइडी लगबा देबइ, आ अहां हिल स्टेशन से लाइव्ह जुडि के ओहि सुंदर प्रकृति के बचाब के लेल चिंतित मुद्रा बना, आंखि में नोर आनि के भाषण के देबइ जकरा जनता आ कार्य करता सब पसीना में भिजएत, राऊद में पटपटाइत, नया प्रकार के प्रचार के तरीका बुझइत देखत। अहाँके जनता के हित चिंतक देखाब के भार अपन पार्टी के कार्यकर्ता पर सौंपी दिययु। अजुका बैसार में उत्साही नवयुवक सबके अहि काज के भार के सौपि देबइ, ओकरा सब के नाम ले के बजा क, प्रशंसा के के। भार देबा काल के फोटो आ भिडियो बनबा के कार्यकर्ता सब के दे देबइ, आखिर ओहो सब त अपन फोटो मीडिया पर देतइ इ देखाब लेल जे ओ सब अहां के करीबी अछी। हां जकरा भार देबइ ओकरे अहि सभक कॉन्ट्रैक्ट देब पड़त!!’

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