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कुछ नियम बना दो मी लॉर्ड… ऐसे कैसे कोई सीएम अरेस्ट हो सकता है? … सुप्रीम कोर्ट पहुंचा सोरेन का मामला

कपिल सिब्बल ने दी जोरदार दलील
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘ईडी’ की ओर से गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने ‘ईडी’ की ओर से खुद को गिरफ्तार किए जाने को चुनौती दी है। उनकी ओर से पक्ष रखते हुए सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से गुहार लगाई कि मनी लॉन्ड्रिंग के सेक्शन १९ के प्रावधानों को आपको तय करना होगा। उन्होंने कहा कि आखिर किसी को इस तरह कैसे अरेस्ट किया जा सकता है? उन्होंने बेंच से अपील की कि मी लॉर्ड कुछ नियम बना दीजिए और जल्दी ही इस पर फैसला लीजिए। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आज सुनवाई करने पर सहमति जताई।
मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इस पर कपिल सिब्बल ने बताया कि हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट से अपनी अर्जी को वापस ले लिया है। कपिल सिब्बल ने इस दौरान हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के तरीके पर भी सवाल उठाया। उन्होंने अदालत में कहा कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के मेमो में टाइम१० बजे का बताया गया है, जबकि वास्तव में अरेस्ट ५ बजे शाम को किया गया। यह बेहद गंभीर मामला है। इस पर आपको ध्यान देना चाहिए और राहत देनी चाहिए। इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी रादू ने कहा कि हेमंत सोरेन के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर हैं। यह भी ध्यान देने की बात है। यही नहीं, सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने गिरफ्तारी को राजनीतिक कारणों से भी जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि आखिर चुनावों से पहले ही क्यों गिरफ्तारियां तेज हो जाती हैं? इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम आपके सभी सवालों पर कल विचार करेंगे। गौरतलब है कि गिरफ्तारी के चलते हेमंत सोरेन ने झारंखड के मुख्यमंत्री पद से ही इस्तीफा दे दिया है और अब उनकी जगह सीनियर नेता चंपई सोरेन राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे।

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