सामना संवाददाता / मुंबई
अफ्रीका के मलावी हापुस और दक्षिण अफ्रीका से टॉमी एटकिन्स आम मुंबई पहुंचे हैं। दिसंबर के अंत में आम का आयात जारी रहेगा। यह आम मुंबई, पुणे, अमदाबाद, राजकोट और दिल्ली में खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
कृषि उपज बाजार समिति, वाशी के एक आम व्यापारी संजय पानसरे ने कहा कि बुधवार को वाशी बाजार समिति में मलावी हापुस के ९४५ तीन किलोग्राम के बक्से और टॉमी एटकिंस के २७० चार किलोग्राम के बक्से पहुंचे हैं। यह आम मुंबई, पुणे, अमदाबाद, राजकोट, दिल्ली आदि में खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। गुणवत्ता के हिसाब से खुदरा बाजार में मलावी हापुस ३,००० से ५,००० रुपए प्रति पेटी और टॉमी एटकिन्स ३,००० रुपए प्रति पेटी बिकने का अनुमान है। हर साल नवंबर के पहले सप्ताह में मलावी हापुस मुंबई आता है। इस साल मलावी में आम का मौसम लंबा खिंच गया है और उत्पादन भी कम हो गया है। परिणामस्वरूप, मलावी हापुस के आयात में तीन सप्ताह की देरी हो गई है। अब दिसंबर तक नियमित आवक जारी रहेगी। हर सप्ताह करीब सात हजार बक्से आने की उम्मीद है।
देवगड़ से होकर गुजरा और मलावी हापुस बन गया
मलावी आम देवगड़ हापुस का मूल निवासी है। लगभग बारह वर्ष पहले रत्नागिरी से ग्राफ्टिंग के लिए हापुस आम की ग्राफ्टेबल छोटी शाखाएं (लकड़ियां) मलावी भेजी जाती थीं। इन्हें ग्राफ्ट करके लगभग २६ एकड़ के खेत में लगाया गया। आगे विस्तार के बाद मलावी में लगभग एक हजार हेक्टेयर में आम की खेती की जाने लगी है। इस आम को मलावी हापुस कहा जाता है। मलावी हापुस आम २०१८ में पहली बार ४० टन आम के साथ वाशी बाजार समिति में आया।