विक्रम सिंह / सुल्तानपुर
गांधी परिवार की छोटी बहू हैं मेनका। वे वरुण गांधी की मां हैं। सास इंदिरा गांधी जब पीएम थीं तो परिवार और पार्टी (कांग्रेस) से बगावत करके घर छोड़ा था। लंबे समय से वे बेटे को साथ लेकर गैर कांग्रेसवाद की राजनीति में भाजपा के साथ हैं। फिलहाल वरुण गांधी को पीलीभीत से टिकट न दिये जाने को लेकर सियासी हल्के में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। ऐसे में सुल्तानपुर दौरे पर आई उनकी मां पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने साफ लहजे में स्पष्ट कर दिया है कि, ‘ऑफर मिलेगा तो भी वरुण गांधी कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ेंगे।’
यूपी की सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार चुनावी समर में उतरी मेनका इन दिनों अपने चुनाव क्षेत्र के दस दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने यह खुलासा एक जिम्मेदार समाचार चैनल के प्रतिनिधि के सवाल के जवाब में किया है। बता दें कि, भाजपा में मेनका-वरुण के टिकट को लेकर शुरू से ही संशय बरकरार रहा। केंद्र और प्रदेश सरकार की रीति-नीति को लेकर वरुण गांधी के लगातार बागी तेवरों की वजह से चर्चा रही कि उन्हें इस बार बीजेपी टिकट नहीं देगी वहीं मेनका को पुनः सुल्तानपुर से उतारने पर भी अटकलें रहीं। अंततः वरुण का टिकट पीलीभीत से काटकर पार्टी ने जितिन प्रसाद को उतार दिया। जबकि सुल्तानपुर से पुनः मेनका गांधी के नाम की घोषणा भी काफी देर से होली के वक़्त की गई। तीन बार के सांसद वरुण गांधी ने टिकट कटने पर जब ‘मौन’ साधा तो फिर उनके कांग्रेस ज्वाइन करने की चर्चा गरम हो गई। कांग्रेस के बड़े नेता अधीर रंजन ने तो सीधा उनकी तारीफ का पुल बांधना शुरू करके उन्हें अपने परिवार के पुराने दल में वापसी का खुला न्यौता तक दे डाला। वरुण के अमेठी-रायबरेली या वाराणसी से कांग्रेस बैनर पर चुनावी ताल ठोंकने की अटकलों ने भी सोशल मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरीं। जिसका फिलहाल मेनका गांधी ने पटाक्षेप तो कर दिया है लेकिन वरुण के अगले कदम को लेकर रहस्य अभी बरकरार है। जैसा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी सहित कई प्रमुख नेताओं ने भी अपने बयानों में कहा है कि वरुण गांधी के लिए पार्टी ने कुछ ‘अच्छा’ सोच रखा है ! ..इससे ऐसा भी हो सकता है कि वरुण को चुनाव में भाजपा किसी नई व चुनौतीपूर्ण जगह मैदान में उतार नया दांव खेल सकती है।