सामना संवाददाता / मुंबई
मराठा समुदाय ने अब आरक्षण की मांग के साथ-साथ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने का पैâसला किया है। मराठा नेता ने लोकसभा चुनाव में हर गांव से एक उम्मीदवार खड़ा करने का एलान किया है, ताकि चुनाव में हजारों उम्मीदवार नामांकन दाखिल करें और चुनाव ईवीएम की जगह बैलट पेपर से हो। पिछले कुछ महीनों से मनोज जरांगे -पाटील के नेतृत्व में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को अलग से दस फीसदी आरक्षण दिया, लेकिन इस पैâसले को मनोज जरांगे -पाटील ने खारिज कर दिया। उन्होंने कुल आरक्षण के ५० फीसदी में १० फीसदी आरक्षण देने की मांग की। आंदोलन के बाद मराठा समुदाय ने लोकसभा के लिए नई रणनीति तैयार की है। मराठा समुदाय ने प्रत्याशियों को खड़ा करने की तैयारी शुरू कर दी है। मराठा समुदाय ने हाल में हुई बैठक में यह फैसला किया है।
जरांगे नहीं लड़ेंगे चुनाव
सावरगांव में हुई बैठक में हर गांव से तीन प्रत्याशियों का नामांकन करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, मनोज जरांगे पाटील ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। मराठा समुदाय ओबीसी वर्ग से आरक्षण पाने के लिए आक्रामक हो गया है। लोकसभा चुनाव में मराठा समाज की ओर से लोकतांत्रिक तरीके से प्रशासन को परेशानी में डालने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए धाराशिव से १ हजार उम्मीदवार नामांकन भरेंगे। ३८४ से ज्यादा उम्मीदवार खड़े होने पर ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराना पड़ता है।