सामना संवाददाता / मुंबई
स्थानीय निवासियों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों के विरोध के बावजूद महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एमसीजेडएमए) ने हाल ही में तटीय सड़क पर तीन स्थानों पर होर्डिंग लगाने की मंजूरी दे दी है। हालांकि, पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस निर्णय को चुनौती देते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से इस पर रोक लगाने की अपील की है।
एमसीजेडएमए ने एक बैठक में मुंबई मनपा के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसमें दक्षिण मुंबई के टाटा गार्डन, एमेजॉन गार्डन और लाला लाजपत राय गार्डन के पास होर्डिंग लगाने की योजना थी। ये होर्डिंग्स बीएमसी को हर महीने लगभग १ करोड़ रुपए का राजस्व दिलाएगी। एमसीजेडएमए ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ये होर्डिंग्स केवल सड़क के भूभाग वाले हिस्से या मौजूदा संरचनाओं के पास ही लगाई जा सकेगी।
पर्यावरणीय मानदंडों का उल्लंघन?
इस फैसले पर सवाल उठाते हुए वॉचडॉग फाउंडेशन के गोडफ्रे पिमेंटा ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह मंजूरी पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्त का स्पष्ट उल्लंघन है। ११ मई २०१७ को जारी शर्त में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि तटीय सड़क परियोजना के लिए पुन: प्राप्त ९० हेक्टेयर भूमि का उपयोग आवासीय या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाएगा। एक अन्य पर्यावरण कार्यकर्ता, निकोलस अल्मेडा ने भी इस निर्णय की आलोचना की और कहा कि यह मंजूरी पर्यावरणीय मानदंडों के खिलाफ है। सरकार को इस पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।
मनपा के वरिष्ठ अधिकारी का दावा
इस बीच एक वरिष्ठ मनपा अधिकारी ने दावा किया, चूंकि होर्डिंग तटीय सड़क पर नहीं लगाए जा रहे हैं, इसलिए सीआरजेड (तटीय विनियमन क्षेत्र) मानदंडों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि मनपा को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि होर्डिंग केवल स्वीकृत स्थानों पर ही लगाए जाएं।
अब वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय पर सबकी नजर
कार्यकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे और राजस्व लाभ के बीच इस विवाद ने पर्यावरण और विकास की बहस को एक बार फिर से हवा दे दी है। अब सबकी नजर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अगले कदम पर है। क्या मंत्रालय इस पर रोक लगाएगा या फिर मनपा की योजना आगे बढ़ेगी?