सामना संवाददाता / मुंबई
एक ओर जहां मध्य और पश्चिम रेलवे के स्टेशनों पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पूरे दिन देशभक्ति के गीत बजते रहे और यात्रियों को शुभकामनाएं दी गर्इं, वहीं मुंबई मेट्रो १ और एमएमआरडीए (मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी) की उदासीनता चर्चा का विषय बनी रही। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जब पूरा देश तिरंगे के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा था, तब मुंबई के मेट्रो स्टेशनों पर न तो देशभक्ति गीतों की गूंज सुनाई दी और न ही तिरंगे जैसी सजावट की झलक देखने को मिली। यात्रियों ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि एमएमआरडीए और मेट्रो १ जैसे महत्वपूर्ण संस्थान इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व को भूल गए। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी एमएमआरडीए द्वारा किसी भी मेट्रो स्टेशन पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कोई खास तैयारी नहीं की गई थी। जबकि रेलवे के स्टेशनों पर पूरे दिन देशभक्ति गीतों का प्रसारण हुआ और यात्रियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी गर्इं। लोगों का मानना है कि ऐसे मौकों पर, जब देशभक्ति की भावना अपने चरम पर होती है, सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीयता का प्रदर्शन होना चाहिए। मुंबई मेट्रो १ और एमएमआरडीए जैसे संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे अवसरों पर अपने यात्रियों को देश के प्रति गौरव का अहसास कराएं। मेट्रो १ और एमएमआरडीए की इस उदासीनता के बावजूद रेलवे ने इस स्वतंत्रता दिवस को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया।