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मनपा के फिक्स्ड डिपोजिट से होगा मेट्रो का निर्माण! …५०० करोड़ एमएमआरडीए को देगी सरकार

सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा द्वारा मौजूदा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को ५०० करोड़ रुपए आवंटित करने का निर्णय सवालों के घेरे में है। एमएमआरडीए ने मेट्रो कार्यों के वित्तपोषण के लिए मनपा से लगभग ५,००० करोड़ रुपए की मांग की थी, जिसे चरणबद्ध तरीके से वितरित किया जा रहा है। मनपा ने मार्च में अपने फिक्स्ड डिपॉजिट से ९५० करोड़ रुपए दिए थे, इसके बाद अप्रैल में १,००० करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए गए। अब २०२४-२५ के लिए बीएमसी बजट में ३,९०० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें से २,००० करोड़ रुपए पहले ही दिए जा चुके हैं और अब अतिरिक्त ५०० करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे।

वित्तीय विशेषज्ञों और नागरिक संगठनों ने इस निर्णय की आलोचना की है। उनके अनुसार, मनपा का यह कदम जनहित के बजाय मेट्रो प्रोजेक्ट पर अत्यधिक खर्च को बढ़ावा देता है। आलोचकों का कहना है कि मनपा की यह धनराशि अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च की जा सकती थी। एमएमआरडीए जैसी नियोजन निकायों द्वारा शुरू की गई मेट्रो रेल जैसी इंप्रâास्ट्रक्चर परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए केंद्र द्वारा २०१६ में बनाई गई नीति के अनुसार, मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर स्थानीय मनपा का योगदान २५ प्रतिशत होना चाहिए, जबकि शेष ७५ प्रतिशत राज्य सरकार, एमएमआरडीए और ऋण के माध्यम से जुटाए जाने का प्रावधान है। मनपा का ५,००० करोड़ रुपए का योगदान इन परियोजनाओं पर अनावश्यक रूप से अधिक वित्तीय भार डाल रहा है।

आलोचक यह भी सवाल उठा रहे हैं कि मनपा के फिक्स्ड डिपॉजिट से इतनी बड़ी धनराशि निकालने से शहर की वित्तीय स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, मेट्रो प्रोजेक्ट के प्रबंधन और धनराशि के उपयोग की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जनता का विश्वास बहाल करने के लिए मनपा और एमएमआरडीए को इन परियोजनाओं के खर्च और प्रगति की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए।

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