सामना संवाददाता/ मुंबई
म्हाडा रिपेयर बोर्ड मास्टर लिस्ट की एक वर्ष पूर्व हुई लॉटरी में फर्जी कागजात के जरिए करोड़ों का घोटाला करने वाले जालसाजों को म्हाडा का अभयदान मिला हुआ है। ५३ घोटालेबाजों पर जारी जांच की रिपोर्ट म्हाडा ने ठंडे बस्ते में डाल दी है। एक वर्ष बीतने के बाद भी जांच कमिटी की अंतिम रिपोर्ट अभी तक नहीं आई एक महीने में जांच सौंपने का दावा करने वाली म्हाडा के दावे खोखले साबित हुए हैं।
म्हाडा के मुंबई बिल्डिंग रिपेयर एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड की मास्टर सूची में २६५ घरों के लिए २६ दिसंबर, २०२३ को कम्प्यूटरीकृत लॉटरी आयोजित की गई थी। ड्रॉ में फर्जी कागजात के जरिए ५३ लोगों द्वारा करोड़ों का घोटाला कर घर हथियाने के बाहर मामले आने के बाद म्हाडा ने जांच कमिटी बैठा दी थी। उस जांच कमिटी की अंतिम रिपोर्ट जल्द देने की बात म्हाडा रिपेयर बोर्ड ने की थी। लेकिन आज पूरा एक साल बीत जाने के बाद भी मामला ठंडे बस्ते में ही बंद है। हालांकि, जांच की अंतिम रिपोर्ट अभी तक सुधार बोर्ड द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई है। इस बीच इस जांच में ५३ विजेताओं को संदिग्ध पाया गया है और रिपेयर बोर्ड पिछले कई महीनों से कह रहा है कि इन विजेताओं के मकानों का वितरण रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। शिकायतकर्ताओं ने रिपेयर बोर्ड के आचरण पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने मांग की है कि उप मुख्यमंत्री और आवास मंत्री एकनाथ शिंदे को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए।
जाली दस्तावेज जमा करने के आरोपी आवेदकों को रिपेयर बोर्ड द्वारा तैयार की गई मास्टर सूची में २६५ घरों के ड्रा में शामिल किया गया था। आवेदक चार फ्लेट्स का विजेता था। म्हाडा उपाध्यक्ष ने एक-दो माह में जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की उम्मीद जताई थी। हालांकि, इस जांच को पूरा हुए एक साल हो गया है, फिर भी रिपेयर बोर्ड द्वारा अंतिम जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। इतना ही नहीं ५३ विजयी संदिग्ध विजेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उनके मकानों की कुर्की किए जाने की बात कही थी। हालांकि, इन संदिग्ध विजेताओं के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।