-अब सिर्फ आम लोगों के लिए किफायती घरों पर रहेगा फोकस
अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
म्हाडा ने पहली बार निजी डेवलपर्स को टक्कर देते हुए गोरेगांव के प्रेमनगर में जिम, स्विमिंग पूल, पोडियम पार्किंग जैसी हाई-फाई सुविधाओं से लैस ३३२ घरों का प्रोजेक्ट तैयार किया था। लेकिन हाल ही में निकाली गई लॉटरी में इन घरों के लिए आवेदकों का अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिला। इसके चलते म्हाडा की अब हाई-फाई घरों यानी लग्जरी घरों की चाहत खत्म हो गई है और प्राधिकरण ने तय किया है कि आगे से सिर्फ आम लोगों के लिए किफायती घरों पर ही फोकस किया जाएगा। म्हाडा की ओर से गोरेगांव के प्रेमनगर में ३९ मंजिला टॉवर का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें मध्यम आय वर्ग के लिए २२७ और उच्च आय वर्ग के लिए १०५ फ्लैट बनाए जा रहे हैं। उच्च आय वर्ग के फ्लैट ९७९ वर्ग फुट के हैं, जबकि मध्यम आय वर्ग के फ्लैट ७९४ वर्ग फुट के हैं। सितंबर में म्हाडा ने २०३० घरों की बिक्री के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसमें इन हाई-फाई घरों को भी शामिल किया गया था। इन घरों की कीमतें १.१० करोड़ रुपए से लेकर १.३३ करोड़ रुपए तक तय की गई थीं। हालांकि, निजी डेवलपर्स की तुलना में इनकी कीमतें कम थीं, लेकिन फिर भी इन घरों के लिए केवल ७-८ हजार आवेदन ही प्राप्त हुए।
मुंबई मंडल की लॉटरी में अत्यल्प और अल्प आय वर्ग के घरों के लिए आवेदकों की भारी भीड़ उमड़ी थी। अत्यल्प आय वर्ग के ३५९ घरों के लिए ४७,१३४ आवेदन आए, जबकि अल्प आय वर्ग के ६२७ घरों के लिए ४८,७६२ आवेदन प्राप्त हुए। मध्यम आय वर्ग के ७६८ घरों के लिए ११,४६१ आवेदन आए, जबकि उच्च आय वर्ग के २७६ घरों के लिए केवल ६,४५४ आवेदन ही प्राप्त हुए।
`करोड़ों रुपए देकर घर खरीदने वालों के लिए बाजार में कई विकल्प उपलब्ध हैं। लेकिन आम लोगों के लिए कोई ज्यादा घर नहीं बनाता। इसलिए, अब हाई-फाई घर बनाने के बजाय हमारा फोकस अत्यल्प, अल्प और मध्यम आय वर्ग के लिए घर बनाने पर होगा।’
-मिलिंद बोरीकर, मुख्य अधिकारी, मुंबई मंडल