अपने विशेष अंदाज से दर्शकों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनानेवाले नाना पाटेकर ने हाल ही में खुलासा करते हुए बताया कि कारगिल युद्ध में उन्होंने भी जंग लड़ी थी। इंडस्ट्री के शानदार कलाकारों में से एक नाना न सिर्फ फिल्म मेकिंग, बल्कि राइटिंग के लिए भी मशहूर हैं। तीन राष्ट्रीय और चार फिल्मफेयर पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके नाना ‘पद्मभूषण’ से भी सम्मानित हो चुके हैं। एक बातचीत में नाना ने बताया कि एक समय था जब उनकी कमाई ३५ रुपए महीना थी और आज वे करोड़ों की संपति के मालिक हैं। फिल्म ‘गमन’ के एक निगेटिव कैरेक्टर से अपनी शुरुआत करनेवाले नाना ने बताया कि १९९० में उन्होंने बतौर कैप्टन इंडियन टेरिटोरियल आर्मी ज्वॉइन की थी और अपनी फिल्म ‘प्रहार- द फाइनल अटैक’ में मेजर के रोल में फिट होने के लिए तीन वर्षों तक आर्मी की ट्रेनिंग ली थी। उस समय उन्होंने जनरल वी.के. सिंह के साथ काम किया था। १९९९ में कारगिल युद्ध के दौरान सैनिक बनकर लड़नेवाले नाना ने बताया कि मैंने कमांडो कोर्स किया था और मैं नैशनल लेवल का शूटर था। रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस को फोन पर जब मैंने सेना में ३ साल के अपने अनुभव वाली बात बताई तो उन्होंने मुझे युद्ध में जाने का मौका दे दिया। देश के लिए जंग लड़नेवाले फौजी नाना को सलाम!