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मिल मजदूरों को बिल्डरों ने ठगा! …इमारत मरम्मत मंडल की करें स्थापना …सुनील प्रभु की जोरदार मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के उपनगर में इमारत मरम्मत और पुनर्निर्माण मंडल स्थापित करने के लिए सुकथनकर समिति और तत्कालीन मंत्री प्रकाश मेहता की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी, लेकिन इस समिति की पेश हुई रिपोर्ट पर अमल करने के लिए सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है इसलिए मुंबई के उपनगर के लिए इमारत मरम्मत मंडल की तुरंत स्थापना करने की मांग कल विधानसभा में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुख्य प्रतोद सुनील प्रभु ने की।
बजट में अनुदान की मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए सुनील प्रभु ने उपनगरवासियों और मिल मजदूरों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि उपनगर में स्थित चालों में पहली मंजिल पर रहनेवाले निवासियों के पास प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली बिल, किराया रसीद जैसे सभी प्रमाण हैं, लेकिन सामूहिक पुनर्विकास करते समय पहली मंजिल के निवासियों को मान्य नहीं किया जाता है। दिंडोशी विधानसभा क्षेत्र में १९६५ से १९७५ के बीच ऐसी पांच से छह चालें हैं। इन निवासियों को पुनर्विकास में घर देने की मांग की गई।
सुनील प्रभु ने कहा कि मिल मजदूरों को शुरुआती दौर में मुंबई में घर दिए गए थे। अब नई मुंबई में मिल मजदूरों को घर देने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में ढाई लाख रुपए में घर मिलता है, लेकिन मिल मजदूरों को नौ लाख रुपए चुकाने पड़ते हैं। यह मिल मजदूरों के साथ अन्याय है। मिल मजदूरों को मुंबई में घर दें। मिल मजदूरों की बिल्डरों द्वारा आर्थिक ठगी हुई है, इसकी जांच की जाए।

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