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मंत्रालय बना कबाड़खाना! … वीआईपी गेट के सामने खुला डंपिंग ग्राउंड

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के प्रशासनिक यंत्रणा को संचालित करने वाले मंत्रालय की मौजूदा स्थिति कबाड़खाना बन गया है। मुख्य और विस्तारित भवनों में हर जगह कचरे और बेकार सामानों के ढेर लगे हुए हैं। मंत्रालय के प्रवेश द्वार से मंत्रियों के कक्षों को कॉर्पोरेट रूप देने का प्रयास चल रहा है, लेकिन कचरे के ढेरों के कारण मंत्रालय की स्थिति खराब हो गई है।
राज्य में नई सरकार आने के बाद मंत्रियों को कार्यालय आवंटित किए गए। इसके बाद अब उन कार्यालयों के नवीनीकरण का काम चल रहा है। कुछ मंत्रियों ने वास्तु सलाहकारों के अनुसार कार्यालयों में बदलाव, जबकि कई ने कॉर्पोरेट लुक देने का प्रयास शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ मंत्री कार्यालयों के लिए जगह की कमी होने के कारण हर मंजिल पर आगंतुकों के बैठने की जगह पर कब्जा कर नए कार्यालयों का निर्माण शुरू कर दिया गया है। इन सभी कारणों से मंत्रालय में कचरे और कबाड़ बढ़ गए हैं। मंत्रालय में विभिन्न कंपनियों और विदेशी दूतावासों के उच्च अधिकारी आते हैं। हाल ही में जापानी प्रतिनिधिमंडल मंत्रालय में आया था। सामने के हिस्से में कचरे के ढेरों के कारण सरकार की छवि खराब होती है।
कम हो लकड़ी का इस्तेमाल
मंत्रालय को अगस्त २०१२ में लगी आग के बाद दमकल की रिपोर्ट में लकड़ी के सामान का कम उपयोग करने की सलाह दी गई थी। वहीं, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख रहते हुए मंत्रालय से बेकार सामान हटाने, बरामदे को खाली करने और सफाई रखने के आदेश जारी किए थे। लेकिन अब सभी आदेशों को नजरअंदाज करते हुए कई जगहों पर बेकार सामान के ढेर लग गए हैं।

वीवीआईपी गेट के सामने कचरा
मंत्रालय के मुख्य भवन में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मंत्री जिस वीवीआईपी गेट से प्रवेश करते हैं, उसके सामने की खाली जगह को डंपिंग ग्राउंड बना दिया गया है। मंत्रालय में पुराने कार्यालयों से निकाले गए सभी बेकार सामानों को वीवीआईपी गेट के सामने फेंका गया है।

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