मानसून आने पर बढ़ेगी दोगुनी दिक्कत
अमर झा / भायंदर
मीरा-भायंदर में चल रही तमाम योजनाओं की धीमी गति को लेकर शहर के लोग काफी परेशान हो गए हैं। इन कार्यों से लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना तो करना पड़ता ही है साथ ही प्रदूषण का भी सामना करना पड़ रहा है। अब इन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि मानसून सिर पर है और काम भी पूरा नहीं हुआ है तो कार्य के चलते जो गड्ढे खोदे गए हैं, उनमें पानी भरेगा, जिससे वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।
निर्माण कार्य बना सिरदर्द
मीरा-भायंदर की अधिकांश मुख्य सड़कों का (कंक्रीटीकरण) निर्माण कार्य एक साथ शुरू कर दिया गया है। इस कार्य के लिए सड़कों को खोदा गया है। लोगों का कहना है कि अगर क्रमबद्ध सड़क निर्माण का कार्य किया जाता तो इतनी परेशानी नहीं होती।
धूल में रहने को मजबूर लोग
सड़क खुदाई के कारण वातावरण धूलमय रहता है, जिससे प्रदूषण में वृद्धि होती है। आसपास के लोग उसी धूल भरे वातावरण में रहने को मजबूर रहते हैं। इसके बाद जैसे ही बारिश शुरू होती है तो वही सड़क कीचड़ से भर जाती है, जिससे आने-जाने में परेशानी होती है। इसमें भायंदर-पूर्व का कनकिया, मंगलनगर, विनय नगर, काशीमीरा जैसे इलाके शामिल हैं।
सामंजस्य की कमी
गौरतलब है कि मीरा-भायंदर में सड़क निर्माण का कार्य एमएमआरडीए और मनपा प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है, लेकिन इनमें सामंजस्य की कमी दिख रही है, जिसके कारण काम मंद गति से चल रहा है।
आयुक्त के आदेश का भी असर नहीं
मीरा-भायंदर के मनपा आयुक्त संजय काटकर ने मानसून के पहले सभी कार्योंं को पूरा करने का आदेश जारी किया था, लेकिन संबंधित विभागों पर आयुक्त के आदेश का कोई असर नहीं है।