-कांग्रेस का कृषि आयुक्तालय पर घोटाले का आरोप
सामना संवाददाता / मुंबई
कृषि आयुक्तालय का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। नैनो डीएपी, नैनो यूरिया और मेटलडिहाइड कीटनाशक तीन गुना दर पर खरीदे जाने की जानकारी सामने आ रही है। इस व्यापक भ्रष्टाचार को किसका आशीर्वाद मिला हुआ है। इस तरह का गुस्से भरा सवाल विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने पूछा है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि वे पूरे मामले की जांच की मांग को लेकर विधानसभा में आवाज उठाएंगे। मीडिया से बात करते हुए विजय वडेट्टीवार ने कहा कि महाराष्ट्र कृषि उद्योग विकास निगम नैनो डीएपी और नैनो यूरिया उर्वरक का निर्माण नहीं करता है, इसलिए कृषि आयुक्तालय इन उर्वरकों को सीधे इफको से खरीदते हुए किसानों में वितरित कर सकता है। फिर भी कृषि आयुक्तालय ने यह निधि महाराष्ट्र कृषि उद्योग विकास निगम को आवंटित की। इसमें बड़ा भ्रष्टाचार होने की बात सामने आई है, वहीं महाराष्ट्र कृषि उद्योग विकास निगम कीटनाशक मेटलडिहाइड का उत्पादन नहीं करता है, इसलिए सरकार का इन टेंडरों के लिए डीबीटी सिस्टम लागू करने का सख्त आदेश है। फिर भी महाराष्ट्र कृषि उद्योग विकास निगम को निधि वितरित करके और निगम के मध्यस्थ के माध्यम से कीटनाशकों की खरीद करके बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। विजय वडेट्टीवार ने गुरुवार को मांग की है कि ये दोनों मामले गंभीर हैं और इन मामलों की तुरंत जांच की जानी चाहिए।
१५८.७९ करोड़ रुपए मंजूर
विजय वडेट्टीवार ने कहा कि किसानों को इफको ब्रांड नैनो डीएपी और नैनो यूरिया सब्सिडी के वितरण के लिए क्रमश: कुल ११५.४९ करोड़ रुपए और ४३.३० करोड़ रुपए समेत कुल १५८.७९ करोड़ रुपए सरकार की तरफ से मंजूर किए गए हैं। किसानों को मेटलडिहाइड कीटनाशक वितरित करने के लिए २,५०,००० किलोग्राम के बदले २५.१५ करोड़ रुपए का अनुदान मंजूर किया गया है।