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‘घाती’ सरकार का मिस मैनेजमेंट, सूखे की आशंका …चारे का संकट शुरू

डेढ़ महीने का चारा बचा
जानवरों की होगी जहमत
सामना संवाददाता / मुंबई 
राज्य में ‘घाती’ सरकार आई है तबसे तमाम मामलों में कुप्रबंधन दिखाई दे रहा है। राज्य में बरसाती जल संचयन की कोई योजना नहीं है, जिसके चलते समय से पहले ही सूखा संकट सामने आ खड़ा हुआ है। कई जिलों में अभी से सूखे का संकट शुरू हो गया है। ऐसे में ग्रामीणों को तो पानी कमी की समस्या का सामना तो करना ही पड़ेगा, लेकिन चारा की कमी से जानवरों की जहमत अभी से होनेवाली है। घाती सरकार ने अपनी गलतियों को छुपाने के लिए अभी से प्रतिबंध लगाने की शुरुआत कर दी है। मराठवाड़ा में इस साल उम्मीद के मुताबिक बारिश नहीं होने से कई जगहों पर पानी कमी की समस्या पैदा हो गई है। कम बारिश के कारण पशुओं के लिए चारे की पैदावार भी कम हो गई है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में पशुओं के चारे की समस्या भी गंभीर होने की आशंका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, परभणी जिले में औसत से कम वर्षा के कारण अब जानवरों के लिए चारे की कमी गंभीर होने की संभावना है। जिले में गत वर्ष की बुआई रिपोर्ट के अनुसार, १ अप्रैल २०२३ से ३ लाख ६५ हजार १७४ मैट्रिक टन चारा शेष बचा है। यह लगभग अप्रैल २०२४ तक चलेगा। ऐसे चारे की उपलब्धता को देखते हुए भविष्य में चारे की कमी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। एक अधिकारी के अनुसार, जिले में उत्पादित चारे, टोटल मिक्स राशन (टीएमआर) के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने से अप्रैल, २०२४ के अंत तक चारे की कोई कमी नहीं होगी, इसलिए जिले में उत्पादित चारा, मुर्गीपालन और टोटल मिक्स राशन (टीएमआर) को दूसरे जिलों में परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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