मुंबई। टाटा अस्पताल में कैंसर के इलाज के लिए आनेवाले बच्चे डॉक्टरों को देखकर डर जाते हैं। उनके इस डर को दूर करने का काम पिछले एक साल से ज्यादा समय से १२ साल की गोल्डन रिट्रीवर डॉग मायरा कर रही थी, जो दो दिन पहले ही रिटायर हो गई। उसके रिटायर सेरेमनी में लोगों ने न केवल गर्मजोशी से स्वागत किया, बल्कि उसे गले से भी लगाया। वहीं थेरेपिस्ट मायरा गुरुवार को टाटा मेमोरियल अस्पताल की ओपीडी में आखिरी बार बच्चों के साथ खेली। डॉक्टरों से डरनेवाले बच्चों के लिए मायरा का चेहरे पर कोमल चाटना और बिना शर्त के प्यार से गले लगना रोते हुए बच्चों को आराम देने के लिए पर्याप्त था। यहां तक कि कैंसर से पीड़ित बच्चे भी मायरा के साथ बॉलीवुड गानों पर नाचते थे। इस बीच कैंसर मरीज बच्चों ने मायरा को दिल से गले लगाकर विदाई दी। डॉ. बनवाली ने कहा कि जल्द ही मायरा की जगह सूफी लेगी। मायरा की तरह ही इस नए प्यारे थेरेपिस्ट की मदद से ओपीडी में बच्चों के भय को निकाला जाएगा। इसके साथ ही यह भी बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए तैयार है।