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दहेज कानून का मिसयूज बढ़ा …अतुल सुभाष केस के बीच सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों से कहा है कि उन्हें दहेज उत्पीड़न के मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि ऐसे मामलों में पति के सगे-संबंधियों को फंसाने की प्रवृत्ति को देखते हुए निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए। पीठ ने कहा, `हाल के सालों में देश भर में वैवाहिक विवादों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, साथ ही विवाह संस्था के भीतर कलह और तनाव भी बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप, आईपीसी की धारा ४९८ए (पत्नी के खिलाफ पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता) जैसे प्रावधानों का दुरुपयोग करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, ताकि पत्नी द्वारा पति और उसके परिवार के खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध को बढ़ावा दिया जा सके।’

`अदालतों को कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वैवाहिक विवाद से उत्पन्न आपराधिक मामले में परिवार के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी को इंगित करने वाले विशिष्ट आरोपों के बिना उनके नाम का उल्लेख शुरू में ही रोक दिया जाना चाहिए।’ -सुप्रीम कोर्ट

९९ फीसदी गलती पुरुषों की!
ऐक्ट्रेस व बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड केस पर कहा है कि ऐसे मामलों में ९९ फीसदी तो पुरुषों की ही गलती होती है। उन्होंने कहा, `एक गलत महिला का उदाहरण देकर हर दिन जितनी महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, इसे झुठलाया नहीं जा सकता।’ कंगना ने कहा कि ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए।

मां ने बेटे के लिए मांगा इंसाफ, रोते-रोते हुई बेहोश
अपनी पत्नी और ससुरालवालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या करने वाले बंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की मां बुधवार को पटना एयरपोर्ट पर रोते-रोते बेहोश हो गर्इं जिसका वीडियो सामने आया है। इससे पहले उन्होंने अपने बेटे को न्याय देने की मांग की। इस दौरान अतुल के पिता ने कहा, `हमारी न्याय व्यवस्था बहुत कमजोर है।’

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