सामना संवाददाता/ मुंबई
ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर महाविकास आघाड़ी के नेता अब आक्रामक रुख अपना रहे हैं। एक तरफ जहां जगह-जगह आंदोलन और इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जा रहा है, वहीं अब महाविकास आघाड़ी के दो विधायकों ने सशर्त इस्तीफे की पेशकश कर दी है। इन दोनों नेताओं ने कहा कि यदि चुनाव आयोग या सरकार बैलेट पेपर से चुनाव करने की तैयारी दर्शाएगी तो हम इस्तीफा देने को तैयार हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, मारकड़वाड़ी में एनसीपी (शरदचंद्र पवार) पक्ष के विधायक उत्तम जानकर ने तो शरद पवार के समक्ष ही इस्तीफे की पेशकश कर दी। दूसरी तरफ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायक सुनील राऊत ने भी साफ चेतावनी दी है कि यदि चुनाव आयोग बैलेट पेपर से चुनाव की अनुमति देता है तो मैं इस्तीफा देकर फिर से चुनाव लड़ने को तैयार हूं।
मालशिरस से जीतकर विधायक बने उत्तम जानकर ने कहा कि मैं मालशिरस के पश्चिमी हिस्से में पीछे रह गया। मुझे बहुत ही कम वोट मिले। मतगणना में उस समय हमने वीवीपैट काउंटिंग की मांग की थी, लेकिन कहा गया कि जब तक काउंटिंग चल रही है, यह नहीं किया जा सकता। इस नतीजे के बाद ३ दिनों तक लोग मेरे पास आ रहे थे, क्योंकि सवाल था कि यहां से इतनी कम वोटिंग वैâसे होती है? इसलिए गांव वालों ने पैâसला किया कि उन्हें बैलेट पेपर पर वोट देना चाहिए, लेकिन प्रशासन ने उन्हें मना कर दिया।
ईवीएम फिक्सिंग नहीं होती तो
ज्यादा अंतर से होती जीत!
शिवसेना और राकांपा विधायक का फूटा गुस्सा
ईवीएम घोटाले से नाराज दो नवनिर्वाचित विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश की है। ये हैं शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक सुनील राऊत और राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक उत्तम जानकर। दोनों विदाायकों का गुस्सा फूट पड़ा है। उनका कहना है कि अगर ईवीएम से घोटाला नहीं किया गया होता, तो उनकी जीत का अंतर काफी ज्यादा होता।
जानकर ने कहा कि मैं मारकडवाड़ी गांव से मिट्टी लेकर चैत्यभूमि गया और वहां अर्पण किया। क्योंकि मारकडवाड़ी के लोग लड़ाकू स्वभाव के हैं। उधर मुंबई में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक सुनील राऊत ने विधानसभा चुनावों के नतीजों पर गहरी असंतुष्टि जताते हुए इस्तीफा देने की मंशा जाहिर की है। राऊत ने कहा कि ईवीएम के चलते चुनाव परिणामों को लेकर जनता में व्यापक असंतोष और अविश्वास है। अगर चुनाव पारंपरिक बैलट पेपर से हुए होते, तो महायुति केवल ५०-६० सीटें जीती होती।
क्या कहते हैं जानकर
जानकर ने कहा कि हम अगले १५ दिनों में बैलट पेपर पर चुनाव कराकर राज्य और देश में पैदा हुए संदेह के कोहरे को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। हम चुनाव आयोग को एक पत्र लिख रहे हैं। उनकी सहमति के बाद मैं इस्तीफा दे दूंगा। किसी को ईवीएम के खिलाफ मैदान में उतरना ही होगा। मैं इस्तीफे के लिए तैयार हूं।
क्या कहते हैं सुनील राऊत
देश और महाराष्ट्र की जनता में ईवीएम गड़बड़ी के खिलाफ जोरदार भावना है। वर्तमान चुनाव परिणाम संदिग्ध हैं क्योंकि जनता इस प्रणाली से नाखुश है। अगर चुनाव बैलट पेपर से हुए होते, तो परिणाम अलग होते। उन्होंने कहा कि मेरे समर्थकों की अपेक्षा थी कि मैं ५०-६० हजार वोटों के अंतर से जीतूंगा लेकिन मेरा जीत का अंतर केवल १६,००० वोट रहा। इस अंतर ने मुझे निराश किया है।
ईवीएम के चलते चुनाव परिणामों को लेकर जनता में व्यापक असंतोष और अविश्वास है। अगर चुनाव पारंपरिक बैलट पेपर से हुए होते, तो महायुति केवल ५०-६० सीटें ही जीती होती।