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एमएमसी की मेहनत लाई रंग …डॉक्टरों के खिलाफ शिकायतों की संख्या तीन गुना हुई कम

सालों से लंबित थीं शिकायतें
सामना संवाददाता / मुंबई
डॉक्टरों की लापरवाही, डॉक्टरों द्वारा चिकित्सा आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में नागरिकों से महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल को प्राप्त शिकायतें कई वर्षों से लंबित थीं। हालांकि, महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने शिकायतों को निपटाने के लिए एक विशेष समिति नियुक्त की। इस समिति की मदद से एमएमसी ने कड़ी मेहतन की और पिछले कुछ वर्षों में डॉक्टरों से संबंधित शिकायतों को निपटाने में सफल रही है। नतीजतन १७०० लंबित शिकायतों की संख्या करीब तीन गुना घटकर ६०० रह गई है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में १ लाख ९० हजार पंजीकृत डॉक्टर हैं। इन पंजीकृत डॉक्टरों द्वारा कभी-कभी चिकित्सा नैतिकता संहिता का उल्लंघन किया जाता है। इसके तहत मरीजों, उनके रिश्तेदारों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल में इलाज में कोताही, डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीजों की मौत, अत्यधिक फीस लेने की कई शिकायतें की गर्इं। पिछले कुछ वर्षों में इन शिकायतों के निपटारे में धीमी प्रगति के कारण लंबित शिकायतों की संख्या में वृद्धि हुई है। परिणामस्वरूप, महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के पास लगभग १,७०० शिकायतें लंबित थीं। महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष विंकी रुघवानी ने पदभार संभालने के बाद शिकायतों के निपटारे पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने एक शिकायत निवारण समिति की स्थापना की। समिति ने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल को प्राप्त शिकायतों पर नियमित रूप से नजर रखी। साथ ही सभी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए समिति ने पिछले कुछ वर्षों में तीन गुना शिकायतों का निपटारा कर दिया है।
मिली हिम्मत
महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. विंकी रूघवानी ने बताया कि लंंबित शिकायतों के साथ ही नई दर्ज शिकायतों के निस्तारण पर जोर काउंसिल द्वारा जोर दिए जाने से डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत करने वाले मरीजों और उनके परिजनों को हिम्मत मिली है। इससे उन डॉक्टरों को भी मदद मिली है जो जानबूझकर किए गए शिकायतों के कुछ मामलों में निर्दोष हैं। इससे राहत पाने में मदद मिली है।

ऑनलाइन के चलते शिकायतों की संख्या बढ़ी
डॉ. रुघवानी ने कहा कि डॉक्टरों की लापरवाही, मेडिकल आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत होने पर शिकायतकर्ता को मुंबई स्थित कार्यालय में आकर शिकायत करनी होती थी। इसलिए शिकायतों की संख्या आमतौर पर प्रति वर्ष २० से ३० थी। हालांकि, वर्ष २०१९ से ऑनलाइन शिकायत सुविधा उपलब्ध होने के बाद डॉक्टरों के खिलाफ शिकायतों की संख्या में वृद्धि हुई है और अब प्रतिवर्ष लगभग ५० से ६० शिकायतें आती हैं। साथ ही ऑनलाइन प्रक्रिया से पारदर्शिता लाने में मदद मिली है।

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