सामना संवाददाता / नई दिल्ली
बांग्लादेश से हिंसक घटनाओं के बीच लगातार हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है। कहीं उनके मकानों को आग के हवाले किया जा रहा है तो कहीं दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है। इस बीच उनकी हत्या, हिंदू महिलाओं के साथ अत्याचार और लूट-खसोट मचाई जा रही है। अब तक ३०० से अधिक ऐसी घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसमें हिंदू परिवार को तबाह किया गया है। ऐसे में ज्यादातर हिंदू भारत में आने के लिए बॉर्डर पर सरकारी पैâसले के इंतजार में खड़े हैं। भारत सरकार की ओर से बांग्लादेशी हिंदुओं के बचाव में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से हिंदू समाज में खासी नाराजगी है। लोग सवाल उठाने लगे हैं कि खुद को हिंदुओं की सरकार कहनेवाली मोदी सरकार हिंदुओं को ही नहीं बचा पा रही है।
बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं का अच्छी-खासी आबादी है। करीब ५० ऐसे जिले हैं, जहां हिंदू आबादी बड़ी संख्या में है। जब से वहां तख्तापलट हुआ है, वहां हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का दौर खत्म नहीं हो रहा है। बांग्लादेश के पंचगढ़ में भी हिंदुओं को आग के हवाले कर दिया गया है, जहां बड़ी संख्या में हिंदू घबरा गए हैं। दंगाइयों की भीड़ हिंदू समाज से जुड़े लोगों को वहां ढ़ूढ़ रही है। एक स्थानीय दुर्गा मंदिर समिति का प्रमुख नवजोत अपनी पत्नी, ११ साल के बेटे और एक साल की बेटी के साथ अपना घर छोड़कर भाग गया और पिछले एक हफ्ते से छिपकर रह रहा था। राज बोगसी बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोगों में से एक हैं, जिन्हें पिछले सप्ताह हमलों का सामना करना पड़ा है।