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नया संविधान लाने की कोशिश कर रही मोदी सरकार … ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ लोकतंत्र खत्म करने का षड्यंत्र! … अखिलेश यादव ने बताया पूरी तरह अलोकतांत्रिक

खत्म हो जाएगा क्षेत्रीय मुद्दों का महत्व

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
एक देश, एक चुनाव से जुड़ा विधेयक कल लोकसभा में पेश किया गया। ऐसे में अब इस पर अलग-अलग विपक्षी नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा है कि लोकतांत्रिक संदर्भों में ‘एक’ शब्द ही अलोकतांत्रिक है। उधर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि हमारा मानना ​​है कि यह असंवैधानिक है और यह मूल ढांचे के खिलाफ है। इसका उद्देश्य इस देश में लोकतंत्र और जवाबदेही को खत्म करना है, वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने वन नेशन वन इलेक्शन के पास होने को बेकार बताया है।

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर बात करते हुए अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने देश के लोगों और पत्रकारों से अपील करते हुए कहा कि ‘एक देश-एक चुनाव’ के संदर्भ में जन-जागरण के लिए आपसे कुछ जरूरी बातें साझा कर रहा हूं। इन सब बिंदुओं को ध्यान से पढ़िएगा, क्योंकि इनका बहुत गहरा संबंध हमारे देश, प्रदेश, समाज, परिवार और हर एक व्यक्ति के वर्तमान और भविष्य से है। लोकतांत्रिक संदर्भों में ‘एक’ शब्द ही अलोकतांत्रिक है। लोकतंत्र बहुलता का पक्षधर होता है। ‘एक’ की भावना में दूसरे के लिए स्थान नहीं होता, जिससे सामाजिक सहनशीलता का हनन होता है। व्यक्तिगत स्तर पर ‘एक’ का भाव, अहंकार को जन्म देता है और सत्ता को तानाशाही बना देता है। एक देश-एक चुनाव’ का फैसला सच्चे लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा। ये देश के संघीय ढांचे पर भी एक बड़ी चोट करेगा। इससे क्षेत्रीय मुद्दों का महत्व खत्म हो जाएगा और जनता उन बड़े दिखावटी मुद्दों के मायाजाल मे फंसकर रह जाएगी, जिन तक उनकी पहुंच ही नहीं है। इससे पहले ही कांग्रेस का बयान भी आ गया है। पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा कि कांग्रेस इस विधेयक को पूरी तरह से और पूरी तरह से खारिज करती है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि हम इसे संयुक्त संसदीय समिति को सौंपे जाने की मांग करेंगे। हमारा मानना ​​है कि यह असंवैधानिक है और यह मूल ढांचे के खिलाफ है। इसका उद्देश्य इस देश में लोकतंत्र और जवाबदेही को खत्म करना है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने १७ जनवरी को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस पार्टी एक राष्ट्र, एक चुनाव के विचार पर आपत्ति क्यों जता रही है।

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक केवल पहला मील का पत्थर है, असली उद्देश्य तो एक नया संविधान लाना है। संविधान में संशोधन करना एक बात है, लेकिन नया संविधान लाना आरएसएस और पीएम मोदी का असली उद्देश्य है। हम जानते हैं कि आरएसएस इस संविधान के बारे में क्या सोचता है। जयराम रमेश ने कहा कि उन्होंने ३० नवंबर १९४९ को इस संविधान को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह मनुस्मृति आदि के मूल्यों से प्रेरित नहीं है। एक राष्ट्र, एक चुनाव, यह तो बस पहला कदम है।

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