सामना संवाददाता / बस्ती
किसान नेता नरेश टिकैत ने शहीद किसानों की याद में बस्ती जनपद के मुंडेरवा चौराहे पर किसानों की महापंचायत को संबोधित हुए केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। नरेश टिकैत ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों से देश का किसान और युवा इतना दुखी है कि आज वह बारूद की नोक पर जीवन जीने को मजबूर हैं। चाहे अग्निवीर योजना हो या किसानों की आय दोगुनी करने की बात हो, हर मुद्दे पर मोदी सरकार फेल रही है। किसान अपनी जमीनों को बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि उसे उसकी फसल की लागत तक नहीं मिल पा रही है। यही नहीं १० साल से सरकार ने कोई सर्किल रेट भी नहीं बढ़ाया है। इसके अलावा गन्नों के रेट भी पुराने ही चले आ रहे हैं।
नरेश टिकैट ने कहा कि पश्चिम के किसानों से पूर्वांचल के किसान खेती के मामले में काफी पीछे हैं, क्योंकि उनके पास सुविधाओं की कमी है। ट्यूबेल और बिजली की व्यवस्था काफी खराब है, जिस वजह से पूर्वांचल के किसान मेहनत तो करते हैं, मगर उन्हें उसे हिसाब से फसल की उपज नहीं मिल पाती। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के किसानों की हालत खराब है और वे बहुत दुखी हैं।
आंदोलन के सवाल पर नरेश टिवैâत ने कहा कि हम अपनी बात और मांग को लेकर सरकार से लड़ाई नहीं कर सकते, इसलिए आंदोलन करना मजबूरी है। सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैै। इसलिए देश के किसान आंदोलन करने को मजबूर होता है, क्योंकि सरकार के सामने किसान गोली नहीं चला सकता। किसान गांधीवादी तरीके से अपनी बात रखता है और सरकार की जिम्मेदारी है कि उस पर अमल करे। एक देश में अलग-अलग राज्यों में किसानों के साथ भेदभाव किया जाता है। मिल मालिक रेट बढ़ाने की बात करते हैं, जबकि सरकार कुछ नहीं करती है। आंदोलन को लेकर कहा कि किसानों का काम अनाज पैदा करना है, इसलिए सभी संगठनों के किसान एकजुट रहें और अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रखें। किसानों की आत्महत्या पर नरेश टिवैâट ने कहा, किसान मजबूरी में आत्महत्या कर रहे हैं, ऐसे में सरकार को ठोस नीति बनानी चाहिए, जिससे किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम मिल सके और आत्महत्या न करें। मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए नरेश टिवैâत ने कहा कि मोदी सरकार मुगलकाल की तरह काम कर रही है और वह किसान संगठनों को तोड़ना चाहती है। मगर वे इसमें कामयाब नहीं होंगे।