मुख्यपृष्ठनए समाचारमोदी सरकार ने छीना १४ करोड़ लोगों के मुंह का निवाला!

मोदी सरकार ने छीना १४ करोड़ लोगों के मुंह का निवाला!

– २०२१ में जनगणना न होने से सरकारी राशन से रहे महरूम

-भाजपा पर कांग्रेस का हल्लाबोल

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

देश में जनगणना करवा कर केंद्र सरकार जनता से जुड़े तमाम विषयों पर अध्ययन कर उनकी समस्या एवं उन तक पहुंचने वाली योजनाओं का आकलन करती है, लेकिन मोदी सरकार को तो आम जनता से और उनकी समस्या से कोई लेन-देना ही नहीं है। तभी तो वर्ष २०२१ की जनगणना इस सरकार ने नहीं कराई। उसका दुष्परिणाम यह रहा कि गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं से महरूम होना पड़ा है। सिर्फ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभ से १४ करोड़ से अधिक लोग वंचित हो रहे हैं। देश में इन १४ करोड़ लोगों के मुंह का निवाला भी मोदी सरकार ने छीन लिया है, जिसे लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है।
बता दें कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा और मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि जनगणना न होने की वजह से देश में १४ करोड़ लोगों को सरकारी राशन से वंचित होना पड़ा है। इन लोगों को खाद्य सामग्री नहीं मिल रही है। यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि मोदी को जल्द ही देश को बताना होगा कि अद्यतन जनगणना कब होगी और साथ ही संविधान में निहित सामाजिक न्याय को ‘सही अर्थ’ देने के लिए उन्हें ओबीसी के रूप में वर्गीकृत समुदायों की आबादी पर भी डेटा जारी करने की मांग की।
क्यों जरूरी है जनगणना
जनगणना से केंद्र सरकार के पास देश के लोगों का आर्थिक और धार्मिक-सामाजिक स्थिति, पलायन, भाषा, कल्चर, साक्षरता, डिसेबिलिटी, उम्र, लिंग जैसी बातों का डेटा होता है। अगर असल डेटा ही अपडेट नहीं होगा तो बहुत से परिवार को सरकारी सुविधाओं का फायदा नहीं मिल सकेगा। यही वजह है कि करोड़ों लोग कई जरूरी स्कीम्स से बाहर छूट रहे हैं।

२०२१ की जनगणना नहीं कराने का तात्कालिक परिणाम यह है कि कम से कम १४ करोड़ भारतीय लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, २०१३ के तहत लाभ से वंचित हो रहे हैं, जिसे पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के रूप में फिर से तैयार किया गया है।’
-जयराम रमेश, कांग्रेस नेता

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