सामना संवाददाता / मुंबई
वक्फ बोर्ड पर केंद्र सरकार ने बिना किसी को विश्वास में लिए जल्दबाजी में पैâसला लिया है। यह प्रस्ताव जब आया तो राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सांसद सदस्य सुप्रिया सुले ने इसका विरोध किया। हम जल्दबाजी में लिए गए इस पैâसले के खिलाफ हैं। इस संबंध में एक सर्वदलीय समिति नियुक्त करें। इस बोर्ड से जुड़े लोगों की भी बैठक करें और उनकी राय भी लें। उसके बाद ही कोई उचित निर्णय लिया जा सकेगा। ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों को बिना चर्चा के जल्दबाजी में मंजूरी देना ठीक नहीं है। इसलिए इस पैâसले पर हमारा समर्थन नहीं है। इस तरह का स्पष्ट रुख राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने व्यक्त किया।
केंद्र की मोदी सरकार ने जल्दबाजी में वक्फ बोर्ड सुधार विधेयक पेश किया। इतने महत्वपूर्ण विधेयक को बिना चर्चा के पेश करना अनुचित है। इस अहम मुद्दे पर राकांपा (शरदचंद्र पवार) पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस बिल के विरोध के बाद अब इसे जेपीसी के पास भेज दिया गया है। इस पर विस्तार से चर्चा करते हुए शरद पवार ने एक सर्वदलीय समिति नियुक्त कर निर्णय लेने की जरूरत भी जताई। उन्होंने आगे कहा कि हम मराठा आरक्षण की मांग का समर्थन करते हैं। लेकिन इसके साथ ही निर्णय लेते समय यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि समाज में अन्य छोटे घटक भी हैं। उनके लिए भी उपयुक्त प्रावधान करने होंगे। मराठा समाज की आरक्षण की मांग सही है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मराठा समाज अन्य जाति के लोगों को भी साथ लेकर चलने वाला समाज है।
शरद पवार ने कहा कि तिरुपति बालाजी देशभर के भक्तों के लिए पूजा स्थल है। वहां प्रसाद में मिलावट का मामला बेहद गंभीर है।