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मोदी सरकार का खोखला दावा : भ्रष्ट की लिस्ट में भारत @ ९३! … ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल रिपोर्ट में हुआ खुलासा

भ्रष्टाचार के मामले में चीन से आगे निकला हिंदुस्थान
पिछले वर्ष के मुकाबले स्थिति हुई और खराब
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार भले ही कितना भी दंभ भर ले कि भाजपा के राज्य में क्राइम रेट और भ्रष्टाचार कम हुआ है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बहुत अलग है। आंकड़े बताते हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में हिंदुस्थान की स्थिति पिछले वर्ष के मुकाबले और खराब हो गई है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में बताया गया कि २०२२ में भ्रष्टाचार के मामले में भारत का ओवरऑल स्कोर ३९ था, जो इस वर्ष यानी २०२३ में बढ़कर ४० हो गया है। भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक की लेटेस्ट रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष २०२३ में कुल १८० देशों में भारत ९३वें रैंक पर पहुंच गया है। इससे ये बात तो साफ हो गई है कि मोदी सरकार में अब तक जितने भी दावे किए हैं, वे सभी झूठे और खोखले साबित हो गए हैं।
गौरतलब है कि २०२३ का भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक इस ओर संकेत करता है कि दुनियाभर में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। ग्लोबल लेवल पर देखा जाए तो एवरेज स्कोर ४३ पर अटका हुआ है, जबकि ज्यादातर देशों ने पिछले दशक में कोई प्रगति ही नहीं की है या इसमें गिरावट आ गई है। इससे भी ज्यादा, २३ देश इस वर्ष अब तक के अपने न्यूनतम स्कोर पर आ गए हैं। हिंदुस्थान के मामले में रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत (३९) के स्कोर में उतार-चढ़ाव इतना छोटा है कि किसी भी महत्वपूर्ण बदलाव पर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है। हालांकि, चुनावों से पहले भारत में नागरिकों के लिए स्थान सिकुड़ता देखा जा रहा है, जिसमें एक (दूरसंचार) विधेयक का पारित होना भी शामिल है जो मौलिक अधिकारों के लिए ‘गंभीर खतरा’ हो सकता है।’ बता दें कि इस इंडेक्स में विशेषज्ञों और उद्योग क्षेत्र के लोगों के अनुसार १८० देशों और क्षेत्रों को पब्लिक सेक्टर में भ्रष्टाचार के लेवल पर रखा जाता है। इसमें ० से १०० तक मानदंड रखा गया है, जिसमें ० बहुत भ्रष्ट के लिए और १०० पूरी तरह क्लीन इमेज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

क्यों बढ़ रहा भ्रष्टाचार?
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मामलों के सरकारी अधिकारी अपनी इनकम बढ़ाने के एक तरीके के तौर पर अक्सर भ्रष्टाचार का सहारा लेते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र २०२४ में एक बड़े चुनावी वर्ष का सामना कर रहा है, जिसमें बांग्लादेश, हिंदुस्थान इंडोनेशिया, पाकिस्तान, सोलोमन द्वीप, दक्षिण कोरिया और ताइवान में चुनाव होंगे। भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में कहा गया है कि एक और वर्ष ऐसा होगा जिसमें भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में कोई सार्थक प्रगति नहीं होगी।

किस टॉप ५ देशों में सबसे कम है भ्रष्टाचार?
हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भ्रष्टाचार के मामले में देखा जाए तो सबसे अच्छा देश डेनमार्क है, क्योंकि यहां सबसे कम करप्शन देखने को मिला। ९० स्कोर के साथ यह देश रैंकिंग में नंबर-१ पर है।

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