-मुझे अपमानित किया गया…१५ दिनों तक नहीं दिया इंसुलिन
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
दिल्ली शराब नीति घोटाले केस में अरविंद केजरीवाल ५० दिन तक तिहाड़ जेल में रहे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार करने के लिए केजरीवाल को १ जून तक अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया। जेल से बाहर आने के बाद से ही केजरीवाल अपनी आम आदमी पार्टी के लिए ताबड़तोड रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं। केजरीवाल ने जेल से वापस आने के बाद सोमवार को अपने सभी निगम पार्षदों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने ये भी बताया कि उनके साथ तिहाड़ जेल में वैâसा व्यवहार किया गया। इसी के साथ ही उन्होंने एक चौंकानेवाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वे जिस जेल में बंद थे उस पर सीसीटीवी वैâमरे लगाए गए थे, जिसको १३ अधिकारी मॉनिटर कर रहे थे। सीसीटीवी की फीड पीएमओ कार्यालय को भेजा जाता था। इसके साथ ही सीएम मेरे सीसीटीवी वैâमरे को मोदी जी मॉनिटर कर रहे थे। क्यों? क्योंकि वे यह देखना चाहते थे केजरीवाल टूटा तो नहीं? केजरीवाल डिप्रेशन में तो नहीं है। मैं उनको कहना चाहता हूं कि मेरे ऊपर भगवान हनुमान जी का आशीर्वाद है। इनको लगता है केजरीवाल ऐसे ही टूट जाएगा, केजरीवाल ऐसे नहीं टूटने वाला है।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहते थे, लेकिन मोदी जी भगवान नहीं हैं। भगवान हमारे साथ हैं। गौरतलब है कि सीएम केजरीवाल ने आम आदमी के पार्षदों के साथ लोकसभा चुनाव प्रचार की रणनीति पर चर्चा की। इसके साथ ही आप के सभी पार्षदों से `इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताने के पूरी ताकत झोंकने को कहा। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने जेल की आपबीती सुनाते हुए बताया कि उन्होंने मुझे जेल में तोड़ने के अथक प्रयास किए। उन्होंने कहा वो कभी अपमानित करते थे, कभी बेईज्जत करते थे। इसके साथ ही उन्होंने बताया तिहाड़ जेल में उन्हें १५ दिनों तक इंसुलिन नहीं दी गई। उन्होंने कहा मैं बार-बार इंसुलिन मांग रहा था मेरा शुगर लेवल खतरनाक तरीके से बढ़ता जा रहा था, मुझे मेरी पत्नी से मिलने से मना कर दिया गया।
एक और `सुप्रीम’ राहत; केजरीवाल ही रहेंगे मुख्यमंत्री!
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से एक और बड़ी राहत मिली है। दरअसल, जेल जाने के बाद भी केजरीवाल के दिल्ली का मुख्यमंत्री बने रहने के खिलाफ याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हम ऐसा नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह औचित्य का विषय है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। दरअसल, दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका कोर्ट में दायर की गई थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि यदि ४ जून को विपक्षी गठबंधन की जीत हुई तो अगले ही दिन उन्हें जेल से आजादी मिल जाएगी। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी झारखंड की एक रैली में इस बात पर मुहर लगाई।