सामना संवाददाता / मुंबई
हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की कोशिशों से नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री हैं, अन्यथा अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें कब का कचरे की पेटी में फेंक दिया होता। लेकिन मोदीजी, अब आपका वक्त गुजर चुका है। महाराष्ट्र में आपकी गारंटी नहीं चलती है। इन शब्दों में मोदी पर बिफरते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में सिर्फ ठाकरे की गारंटी चलती है और उसी गारंटी का, बालासाहेब के उत्तराधिकारी के तौर पर मैं जनता को वचन देता हूं।
श्रीगोंदा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाड़ी की प्रत्याशी अनुराधा नागावडे की प्रचार सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि सत्ताधारियों की सभाओं में भोजन, बढ़िया बिरयानी वगैरह का इंतजाम है। लोग आते हैं, भोजन करते हैं और भाषण सुने बिना ही चले जाते हैं। इसके उल्टे आप यहां आए, देरी हुई फिर भी रुके रहे, इसे ही प्रेम कहते हैं। इसके बाद उन्होंने भाजपा, मोदी और शाह पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को खत्म करने के लिए ये सभी निकले हैं। मैं मोदी और अमित शाह से कहना चाहूंगा कि किसानों के जीवन पर बोलें। देश के शत्रुओं को खत्म करें, उद्धव ठाकरे को क्या खत्म कर रहे हैं? मैंने यदि पाप किया होगा तो माई-बाप जनता मुझे खत्म कर देगी, लेकिन नहीं किया होगा तो यही जनता मेरे साथ रहेगी और आपको खत्म किए बिना नहीं थमेगी। श्रीगोंदा के हेलिपैड पर हेलिकॉप्टर उतरते ही चुनाव कर्मचारियों ने उद्धव ठाकरे के बैग की तलाशी ली। इसका जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज फिर से मेरे बैग की तलाशी ली गई। चुनाव आयोग ने मेरे बैग को ऑटो चेकिंग पर डाल रखा है। जहां उद्धव ठाकरे दिखें उनके बैग की जांच करें। आज भी मैंने वीडियो बनाया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बगावत करके वोट काटने के लिए खड़े हुए निर्दलीय प्रत्याशी भी गद्दार ही हैं। उद्धव ठाकरे ने कोल्हापुर के सांसद धनंजय उर्फ मुन्ना महाडिक के विवादित बयान की खबर लेते हुए कहा कि मुन्ना को कहता हूं कि यहां माताएं-बहनें आई हुई हैं, इनकी तस्वीरें मैं भेजता हूं। लेकिन एक के बाल को भी धक्का लगा तो जगह पर हाथ नहीं रहने दूंगा। यह मेरी खुली धमकी अथवा चुनौती है। उन्होंने कहा कि क्या माताएं-बहनें आपकी नौकर हैं। १,५०० रुपए देने से क्या उन्हें नौकर समझ लिया। इतनी मस्ती कहां से आई?
आज तक सहकार का मुद्दा केवल राज्य तक सीमित था, लेकिन अमित शाह ने बीते एक साल में केंद्र में सहकार विभाग तैयार करके उसे अपनी कुर्सी के नीचे रखा है।