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मोदीराज…! खाने-पीने की चीजें हुईं महंगी … आम लोगों को लगा महंगाई का झटका!

– ०५ प्रतिशत के पार रिटेल इंफ्लेशन
– १२ जुलाई को घोषित किए गए आंकड़े
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी के चलते जून में रिटेल महंगाई बढ़कर ५.०८³ पर पहुंच गई है। मई में महंगाई दर ४.७५³ रही थी। इससे पहले अप्रैल में महंगाई दर ४.८५³ रही थी। सांख्यिकी मंत्रालय ने जून महीने के लिए खुदरा महंगाई दर के आंकड़े शुक्रवार, १२ जुलाई को घोषित किए हैं।
आंकड़ों के अनुसार, जून में अधिकांश खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि हुई है। जून में खाद्य पदार्थों की महंगाई बढ़कर ९.३६ प्रतिशत हो गई, जबकि इस साल मई में यह ८.६९ प्रतिशत रही थीं। पिछले साल जून में यह ४.३५ प्रतिशत रही थीं। जून २०२४ में शहरी क्षेत्रों में खुदरा महंगाई ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में कुछ नरम रही, जबकि खाद्य पदार्थों की महंगाई शहरी क्षेत्रों में अधिक रही। इस महीने में सब्जियों के साथ ही मांस, मछली, अंडों, दाल और उसके उत्पादों के साथ ही विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में भी तेजी रही। दूध की कीमत भी बढ़ी है।
आरबीआई की बढ़ेगी टेंशन!
सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा हुआ है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे। आरबीआई नीतिगत दरों पर पैâसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति को ही मुख्य तौर पर ध्यान में रखता है। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष २०२४-२५ के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के ४.५ प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। पहली तिमाही में इसके ४.९ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में ३.८ प्रतिशत, तीसरी तिमाही में ४.६ प्रतिशत और चौथी तिमाही में ४.५ प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ५.९ प्रतिशत बढ़ा
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, मई २०२४ में खनन उत्पादन ६.६ प्रतिशत और बिजली उत्पादन १३.७ फीसदी बढ़ा। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल मई में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि दर घटकर ४.६ प्रतिशत रह गई, जो इस साल पहले इसी माह में ६.३ प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि ५.४ प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी अवधि में ५.१ प्रतिशत थी।

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