सामना संवाददाता / नई दिल्ली
इन दिनों समूचे हिंदुस्थान में नीट पर हुए चीट को लेकर देश के युवा गुस्से में हैं। इसी के साथ ही विपक्ष भी लगातार इस मामले को लेकर केंद्र की एनडीए सरकार को घेर रहा है। यह विवाद दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। विपक्षी दल भी इसमें लगातार धांधली का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन इन सब में नीट मामले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि सरकार को सभी राज्यों से चर्चा करनी चाहिए कि भविष्य में ये परीक्षा वैâसे आयोजित की जाए।
अपने एक इंटरव्यू में सिब्बल ने कहा कि अगर किसी परीक्षा में टेस्टिंग सिस्टम भ्रष्ट हो जाता है तो प्रधानमंत्री के लिए चुप रहना वास्तव में अच्छा नहीं है। सिब्बल ने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को संसद के आगामी सत्र में जोरो-शोरों से उठाएं। हालांकि, उन्हें इस पर चर्चा होने की ज्यादा उम्मीद नहीं है। वह मानते हैं कि सरकार मामला अदालत में विचाराधीन होने का हवाला देते हुए