आशा, ऊषा और आशा सहयोगिनी संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि आशा एवं पर्यवेक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि का तुरंत भुगतान किया जाए। प्रदर्शनकारी संघ के सदस्यों ने सरकार पर भेदभावपूर्ण नीति अपनाने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुर्इं तो प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी।
संघ के सदस्यों ने बताया कि २९ जुलाई २०२३ को भोपाल में हुए एक महा सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने आशा एवं पर्यवेक्षकों के लिए १,००० वार्षिक वेतन वृद्धि की घोषणा की थी। इसके बाद २ अगस्त २०२३ को इस संबंध में मुख्य कार्यालय द्वारा आधिकारिक आदेश भी जारी किया गया। लेकिन लगभग दो साल बीत जाने के बावजूद वेतन वृद्धि का भुगतान नहीं किया गया, जिससे प्रदेशभर की आशा कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष है।
संघ ने आरोप लगाया कि विभाग और सरकार जानबूझकर आशा एवं पर्यवेक्षकों की वेतन वृद्धि रोक रहा है। कई बार ज्ञापन देने के बावजूद इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश द्वारा की जा रही उपेक्षा के कारण प्रदेशभर की आशा एवं पर्यवेक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
संघ ने दी हड़ताल की चेतावनी
संघ ने सरकार से मांग की है कि उनकी वेतन वृद्धि जल्द लागू की जाए। यदि मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आशा, ऊषा और आशा सहयोगिनी संघ प्रदेशव्यापी हड़ताल करने के लिए मजबूर होगा। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और अपनी आवाज बुलंद की।