कोई बेखबर न रहे
सबको खबर कर दूं
बहुत हिम्मत संजोकर
मैंने अपने मुकद्दर की
लकीरों को सिलने की कोशिश की है।
नगमे कई साजों के साथ
गुनगुनाए, गाए जाते हैं
कोई एक साज ऐसा भी है
जो हर नगमे के साथ बजता नहीं है।
देख दरारें दूसरों के दरवाजे में
हर कोई झांकने की कोशिश करता है
अपने घर की खिड़कियों, दरवाजों को
फटे पर्दों से ढॉपने का इरादा रखता है।
बे पर्दगी पर कलमें खूब चलती हैं
पर्दे में रहने वालों को
बेपर्दा भी आप ही करते हो।
-बेला विरदी