सामना संवाददाता / मुंबई
बीएमसी ने इस वित्तीय वर्ष में प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में ४,५५० करोड़ रुपए संग्रह करने का लक्ष्य रखा है। अब तक १,३७२ करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मार्च २०२५ के अंत तक बीएमसी को अतिरिक्त ३,१७८ करोड़ रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स संग्रहित करना होगा। यह लक्ष्य बीएमसी के लिए आसान नहीं है। पिछले ८ महीनों में अपने लक्ष्य का लगभग २७ प्रतिशत कर ही प्राप्त कर सकी है। इसके लिए बीएमसी ने जमकर नोटिस जारी किया है।
बीएमसी के एक अधिकारी के अनुसार शीर्ष २० डिफॉल्टरों को ८२२ करोड़ रुपए के बकाया के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। यह जब्ती नोटिस बीएमसी अधिनियम, १८८८ के अनुच्छेद २०३ के तहत जारी किए गए हैं। इस अनुच्छेद के अनुसार डिफॉल्टरों को अपना प्रॉपर्टी टैक्स चुकाने के लिए ९० दिनों का समय दिया जाता है। यदि इस अवधि के भीतर भुगतान नहीं किया जाता है, तो २१ दिनों का अंतिम नोटिस जारी किया जाता है, जिसके बाद प्रॉपर्टी कुर्की की प्रक्रिया शुरू होती है। अधिकारी ने आगे बताया कि जी /साउथ वार्ड जिसमें वर्ली, महालक्ष्मी और प्रभादेवी शामिल हैं, यहां करीब ८०० करोड़ रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। सूत्रों के अनुसार, लोअर परेल के सेनापति बापट मार्ग स्थित रघुवंशी मिल पर लगभग १५८ करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। जे कुमार इंप्रâास्ट्रक्चर लिमिटेड पर बांद्रा ईस्ट की प्रॉपर्टी १३९.५० करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। ओमकार डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड पर १०४.७८ करोड़ रुपए टैक्स बकाया है। हालांकि इन कंपनियों के अधिकारियों ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार किया है। उनका कहना है कि कितना प्रॉप्रर्टी टैक्स बाकी है,+ इसकी जानकारी हमें नहीं है। एक अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर करदाता वित्तीय वर्ष के अंत में प्रॉपर्टी टैक्स चुकाने की प्रवृत्ति रखते हैं। हमें विश्वास है कि इस साल हम अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे। प्रॉपर्टी टैक्स बीएमसी के लिए राज्य सरकार से ऑक्ट्रॉय मुआवजे और विकास योजना विभाग के योगदान के बाद तीसरा सबसे बड़ा राजस्व स्रोत है।