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तीस हजार से अधिक व्यक्ति अंगों के लिए लड़ रहे हे जंग! … किडनी रोगियों की संख्या अधिक

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र समेत पूरे देश में अंगदान के प्रति जन जागरूकता की कमी है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती ने अंगदान की रफ्तार को धीमा कर दिया है। ऐसे में अंग की प्रतीक्षा में तीस हजार मरीज जिंदगी की जंग लड़ रहे है।
प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में चार सालों में महज १.४१ फीसदी यानी ४२८ लोगों ने अंगदान किया है। इसकी तुलना में ९६.९६ फीसदी यानी ३०,३४३ जरूरतमंद मरीज विभिन्न अंगों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, यह संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। इनमें किडनी मरीजों की वेटिंग लिस्ट सबसे ज्यादा लंबी है। इसी तरह इस अवधि में केवल ४.०४ फीसदी यानी १,२२८ रोगियों में अंगों का ट्रांसप्लांट किया गया है। वेटिंग लिस्ट का यह आंकड़ा चिंतित करनेवाला है।
उल्लेखनीय है कि हिंदुस्थान में डोनर की संख्या बहुत ही कम है, जबकि अंग की प्रतीक्षा कर रहे मरीजों की सूची बढ़ती ही जा रही है। कुछ यही स्थिति महाराष्ट्र की भी है। यहां अंगों की प्रतीक्षा में मरीज तिल-तिल कर मर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक चार सालों में किडनी के २३,८६४, लीवर के ५,६२२, हार्ट के ४९१, फेफड़े के १६९, पैंक्रियाज के १७७ और स्माल बॉउल के १८ रोगी प्रतीक्षा सूची में शामिल हुए हैं। महाराष्ट्र में साल २०२१ से जून २०२४ तक १२२८ लोगों का अंग प्रत्यारोपण हुआ, वहीं इस साल अब तक २३९ लोगों में ऑर्गन ट्रांसप्लांट कर उनकी जिंदगी बचाई गई है। इसके साथ ही अंग की प्रतीक्षा कर रहे पांच सालों में ३,५८३ मरीजों की मौत हुई है। इसमें साल २०२३ में ७५२ मरीजों की मौत हुई है। हालांकि, साल २०११ से २०१८ के बीच मरीजों की मौत का शिंदे सरकार के पास कोई आंकड़ा नहीं है, जो सरकार की लापरवाही को उजागर कर रही है।

अंगदान के लिए मनाना चुनौतीपूर्ण
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक ब्रेन डेड मरीज की पहचान करना तो आसान है, लेकिन शोक में डूबे मरीज के परिजन को अंगदान के लिए मनाना काफी चुनौतीपूर्ण है। अंगदान को लेकर लघु फिल्मों, संचार माध्यम व दूसरे रचनात्मक तरीकों को अपनाकर समाज व लोगों में जागरूकता पैदा करने और बढ़ाने की जरूरत है। इस संबंध में नागरिकों में जितनी तेजी से सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होगा, उतनी ही शीघ्रता से अंगदान को बढ़ावा मिलेगा। मानव अंगों में ट्रांस प्लांटेशन के लिए सबसे ज्यादा किडनी की मांग होती है। वैसे तो कोई भी शख्स अंगदान कर सकता है, लेकिन यदि कोई नाबालिग अंगदान करने की इच्छा रखता है तो इसके लिए उसे जरूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा।

 

 

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