धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मच्छरों के बढ़ते आतंक ने ‘ईडी’ २.० का भेजा इस कदर खराब कर दिया है कि उसे मुंबई मनपा को फटकार लगानी पड़ी है। इस फटकार से सकपकाई मनपा ने मच्छरों के प्रजनन स्थलों को ढूंढ़ने के लिए ड्रोन का सहारा लेने लगी है। इतना ही नहीं, मनपा आयुक्त व प्रशासक भूषण गगरानी तक को कल मच्छर उन्मूलन समिति की समीक्षा बैठक बुलानी पड़ी है।
इस बैठक में उन्होंने मच्छर प्रजनन स्थलों की पहचान करने के लिए संयुक्त दौरे और आधुनिक तकनीक के उपयोग का निर्देश दिया। साथ ही मलेरियामुक्त मुंबई के लिए फोकस्ड बेस्ड १-३-७ रणनीति अपनाने को कहा है। इसके तहत पहले दिन मलेरिया रोगी की पहचान, तीसरे दिन तक सहवासी व्यक्तियों का सर्वेक्षण, सातवें दिन तक प्रभावित क्षेत्र में सर्वेक्षण और रोकथाम उपाय किए जाते हैं।
महाराष्ट्र में जनवरी २०२४ से लेकर ३१ मार्च २०२५ तक मलेरिया के कुल २३,१७५ मामले सामने आए हैं, जबकि २६ की मौत हुई है। बताया गया है कि इसमें सर्वाधिक मामले मुंबई में मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, मुंबई जैसे शहर में मच्छरों के बढ़ते आतंक को देखते हुए राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए मनपा को फटकार लगाई है। इसके बाद मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए मच्छर नियंत्रण उपाय और दौरे किए जा रहे हैं। साथ ही उच्च जोखिम वाले स्थलों पर अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही मच्छरों के उच्च जोखिम वाले प्रजनन स्थलों की पहचान के लिए ड्रोन तकनीक का प्रयोग कीटनाशक विभाग द्वारा शुरू किया गया है।
भाग मच्छर भाग मोबाइल एप
मच्छर रोकथाम उपायों के तहत ‘भाग मच्छर भाग’ नामक मोबाइल एप्लिकेशन नागरिकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऐप के माध्यम से स्कूल, कॉलेज, सरकारी और निजी संस्थानों में जनजागरूकता पैâलाई जाएगी। वर्ष २०२२ में १३.६ लाख रक्त नमूनों की जांच हुई और ३,९८५ मलेरिया मरीज सामने आए। इसी तरह वर्ष २०२३ में १३.९८ लाख नमूनों की जांच में ७,३१९ मरीज सामने आए। साथ ही वर्ष २०२४ में १५.१ लाख नमूनों की जांच में ७,९३९ मरीज सामने आए।