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स्वच्छता प्रहरी प्रमोद निगम हत्याकांड में मुख्तार अंसारी के शूटरों को मिली आजीवन कारावास की सजा

उमेश गुप्ता / वाराणसी

शहर के चर्चित और सनसनीखेज मामले में फेरी पटरी ठेला व्यवसायी संघ के तत्कालीन सचिव प्रमोद निगम की गोली मारकर हत्या के आठ साल बाद कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुना दिया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) व एमपी/एमएलए कोर्ट यजुवेंद्र विक्रम सिंह की कोर्ट ने शूटर नंदलाल राय उर्फ बबलू लंगड़ व शेषनाथ शर्मा को आजीवन कारावास और साथ ही 50-50 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा न करने पर आरोपितों को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। नंदलाल राय उर्फ बबलू लंगड़ गाजीपुर के भाजपा विधायक स्व. कृष्णानंद राय का निजी गनर था और वह कृष्णानंद राय की हत्या का अहम गवाह भी रहा। बाद में मुख्तार अंसारी के इशारे पर पक्षद्रोही होकर मुकदमे को षड्यंत्र के तहत कमजोर कर मुख्तार गिरोह के लिए हत्या, फिरौती और वाराणसी के टावरों में डीजल सप्लाई का काम करने लगा था। सजा सुनाये जाने के बाद दोनों शूटरों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस मुकदमे का वादी स्व. प्रमोद निगम का बेटा अभिषेक निगम रहा। सुनवाई के दौरान 12 लोगों को बतौर गवाह कोर्ट में पेश किया गया।

लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र के हुकुलगंज निवासी फेरी पटरी ठेला व्यवसायी समिति के सचिव प्रमोद निगम की 17 जनवरी 2017 की रात आठ बजे इंग्लिशिया लाइन के भारतीय शिक्षा मंदिर के पास मिठाई की दुकान के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दर्जनों सीसी टीवी कैमरे, सर्विलांस, तफ्तीश के बाद शूटर नंदलाल राय और शेषनाथ शर्मा को सिगरा पुलिस और एसटीएफ की इकाई ने घंटी मिल के पास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी ने शूटरों को अपने कार्यालय में मीडिया के सामने पेश किया था। सुंदरपुर राजेंद्र विहार कालोनी नेवादा निवासी नंदलाल राय उर्फ बबलू लंगड़ और सिगरा के चंदुआ छित्तूपुर निवासी शेषनाथ शर्मा ने पुलिस के सामने स्वीकार किया था कि पेशाब करने से मना करने पर प्रमोद निगम ने पीटा था। बदला लेने के लिए .30 की पिस्टल से प्रमोद के हाथ, सीने में चार गोली दागी थी और बाइक से नंदलाल और शेषनाथ शर्मा भाग निकले थे। कृष्णानंद राय हत्याकांड में पक्षद्रोही होने के बाद नंदलाल राय मुख्तार अंसारी के खेमे में जाकर जरायम की दुनिया से जुड़ गया था। इस दौरान मोबाइल टावर में तेल भराई से लेकर फिरौती, हत्या और जमीन कब्जाने में नंदलाल राय उर्फ बबलू का नाम सामने आया था।

प्रमोद निगम हत्याकांड में लम्बी बहस के बाद तीन दिन पहले हुई सुनवाई में अदालत ने दोनों शूटरों को दोषी करार दिया था और सजा पर फैसले के लिए 15 अप्रैल की तिथि निर्धारित की थी। गवाह, चार्जशीट, साक्ष्य के आधार पर नंदलाल राय बबलू और शेषनाथ शर्मा को जज ने दोषी माना है।

पुलिस ने इस हत्यकांड में विवेचना के बाद दोनों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया, इसके बाद सुनवाई हुई। नंदलाल राय उर्फ बबलू अपराधी किस्म का रहा। शूटर बबलू राय ने पुलिस के सामने कबूला था कि टॉयलेट करते समय प्रमोद के बेटे अभिषेक ने मुझे गालियां दी और मारपीट करने लगा था। इस दौरान उसके पिता प्रमोद ने मुझे पीटा था। इस पिटाई के बाद ही उसने सोच लिया था कि उसे सड़क पर मार गया इसलिए उसका जीना बेकार है। पिस्टल लेकर दोस्त को बुलाया और घटना को अंजाम दिया। शूटरों ने बाप और बेटे को मारने की साजिश रची थी लेकिन वह पिता को ही मार पाये। घटना के खुलासे के दौरान पुलिस ने इनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त .30 बोर की पिस्टल, चोरी की बाइक व वारदात के समय पहना गया काले रंग का हेलमेट बरामद किया था।

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