-३६,८३२ पुलिस के जवानों की तैनाती
नागमणि पांडेय / मुंबई
गणेशोत्सव के दौरान किसी भी अनहोनी घटना से निपटने के लिए मुंबई पुलिस पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए पुलिस ने विशेष व्यवस्था की है। पूरे शहर पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ३६,८३२ पुलिस अधिकारी और जवानों के साथ ही एसआरपी, रेपिड एक्शन फोर्स व होम गार्ड के जवान तैनात किए गए हैं। पुलिस की तरफ से विशेष गाइडलाइंस भी जारी की गई हैं, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी ने बताया कि गणेश मूर्तियों के विसर्जन के बाद फोटो लेना प्रतिबंधित होगा। नियमों का उल्लंघन करनेवालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुंबई में १३,५०० सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों और भीड़वाली जगहों पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर, विशेष पुलिस आयुक्त देवेन भारती और संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी ने सुरक्षा इंतजाम को रिव्यू किया और गाइडलाइंस जारी करते हुए सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद रखने की बात कही। डेढ़ दिवसीय, पांच दिवसीय, सात दिवसीय और ग्यारहवें दिन के विसर्जन के दौरान वाद्ययंत्रों और लाउडस्पीकरों की ध्वनि स्तर पर छूट रहेगी। पुलिस ने जनता से अन्य समय के दौरान ध्वनि स्तर के प्रतिबंधों का पालन करने का भी आग्रह किया है। पुलिस ने गणेश पंडालों की सुरक्षा को लेकर बैठक की। इसमें मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और उपायुक्त ने गणेश मंडलों की तैयारियों को देखते हुए बैठक की। इसके साथ सुरक्षा को लेकर जांच भी की है।
-२४० कृत्रिम तालाब, चौपाटियों पर तगड़ी सुरक्षा
गणपति बाप्पा के स्वागत के लिए मुंबई पूरी तरह से तैयार है। मुंबई मनपा ने गणेशोत्सव के लिए पूरी मशीनरी तैयार रखी है। इसके साथ ही बाप्पा के आगमन और विसर्जन वाली सड़कों की मरम्मत कर दी गई है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में २४० कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं। शहर और पूर्व-पश्चिम उपनगरों में कुल ६९ प्राकृतिक तालाबों पर विसर्जन की व्यवस्था की गई है। इसी तरह चौपाटी पर भी गणेश विसर्जन की व्यवस्था की गई है। मनपा प्रशासन ने बताया कि विभाग स्तर पर मोबाइल विसर्जन के साथ ही गणेश प्रतिमा संग्रह केंद्र भी होंगे। पिछले साल की तुलना में इस साल १०,००० से अधिक मूर्तियां हैं। बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेश उत्सव समन्वय समिति के अध्यक्ष नरेश दहिबावकर के अनुसार, मुंबई में नए सोसायटीज और पंडाल तेजी से बढ़ रहे हैं। २०२३ में सार्वजनिक पंडाल की संख्या लगभग ३,२०० थी, जो इस वर्ष बढ़कर ३,५०० हो गई है। सोसायटी पंडालों की संख्या भी ९,००० से बढ़कर १०,००० हो गई है।