राजेश जायसवाल / मुंबई
मुंबई की वनराई पुलिस ने डेढ़ महीने के बच्चे के अपहरण की गुत्थी सुलझाते हुए बच्चा चोरी के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। आरोपियों को मलाड के मालवणी इलाके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों द्वारा बच्चे को पांच लाख रुपये में बेचने की जानकारी सामने आई है।
दरअसल, २ मार्च की सुबह करीब ४ बजे गोरेगांव-पूर्व स्थित वनराई पुलिस स्टेशन क्षेत्र में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर स्थित बस स्टैंड के पास खिलौने बेचने वाले एक गुजराती परिवार का दो माह का बच्चा अचानक गायब हो गया था। परिवार वाले उस समय सो रहे थे और बच्चा उनके पास था। परिवार के सदस्यों ने तुरंत पुलिस स्टेशन को सूचना दी और पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अलग-अलग एंगल से जांच शुरू कर दी।
परिमंडल- १२ की डीसीपी स्मिता पाटिल के मार्गदर्शन में पुलिस ने ६ अलग-अलग टीमों का गठन किया और जांच शुरू की। इस मामले में पुलिस ने करीब ११ हजार ऑटो की जांच की, जिसमें एक पीला जैकेट पहने ऑटो रिक्शा चालक संदिग्ध पाया गया। ऑटो चालक घटना स्थल से मालवणी की तरफ जा रहा था। पुलिस ने जब ऑटो चालक से पूछताछ की तो कुछ दिन पहले उसके घर में एक बच्चे के आने की जानकारी मिली।
पुलिस ने जांच शुरू की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। आरोपी राजू मोरे की दो पत्नियां थीं, पहली मंगल मोरे और दूसरी फातिमा शेख। मंगल मोरे की कोई संतान नहीं है, वह कई वर्षों से नि:संतान थी। राजू की पत्नी उससे बच्चा गोद लेने के लिए जिद कर रही थी लेकिन बच्चा गोद लेने में बहुत पैसे खर्च होते, इसलिए आरोपी राजू ने सड़क किनारे से बच्चा चुराने की योजना बनाई। बच्चे को चुराने से पहले आरोपी राजू मोरे ने तीन दिनों तक वनराई वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर अपराध स्थल की छानबीन की थी, जिसके बाद उसने बच्चे को चुराने की योजना बनाई और जब परिवार के सदस्य सो रहे थे, तब एक ऑटो रिक्शा की मदद से भाग गया। पीड़ित परिवार गुजरात का रहने वाला है और रमज़ान के महीने में खिलौने और गुब्बारे बेचने के लिए मुंबई आया था।