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मुंबई रेलवे बनी सुसाइड पॉइंट … कल्याण-पालघर में सर्वाधिक आत्महत्या

– मरने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक
– ६ महीने में ४७ पुरुषों और 
– ४ महिलाओं ने गंवाई जान
सामना संवाददाता / मुंबई
बीते छह महीनों में मध्य और पश्चिम रेलवे मार्गों पर आत्महत्या की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। बीमारी, आर्थिक समस्या, काम का तनाव, और पारिवारिक विवाद जैसी वजहों से कई लोग आत्महत्या का रास्ता अपना रहे हैं। आत्महत्या के लिए सामने से आ रही लोकल या मेल-एक्सप्रेस ट्रेन के नीचे कूदने की घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले छह महीनों में, इन रेलवे मार्गों पर ५१ लोगों ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली है, जिसमें ४७ पुरुष और ४ महिलाएं शामिल हैं। इनमें से ३४ आत्महत्याएं मध्य रेलवे मार्ग पर हुई हैं।
निराशा के कारण लोग कर रहे हैं आत्महत्या 
आत्महत्या के पीछे के कारणों में निराशा का बड़ा हाथ है, जो जीवन में विभिन्न समस्याओं से उत्पन्न होती है। निराशा के चलते लोग आत्महत्या का निर्णय लेते हैं और रेलवे को इसके लिए माध्यम चुनते हैं। जनवरी से जून के बीच मध्य रेलवे  पर ३४ लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें ३१ पुरुष और ३ महिलाएं शामिल हैं। उसी अवधि में पश्चिम रेलवे पर १७ लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें १६ पुरुष और १ महिला शामिल हैं। मध्य रेलवे पर सबसे अधिक आत्महत्या करने की घटना कल्याण रेलवे पुलिस स्टेशन की सीमा में दर्ज की गई हैं, जहां २० लोगों ने अपनी जान दी है। वहीं, पश्चिम रेलवे पर पालघर रेलवे पुलिस स्टेशन की सीमा में १२ लोगों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक है।
इन आत्महत्याओं के कारण रेलवे का यातायात भी प्रभावित होता है। चलती लोकल ट्रेन के सामने कूदना या तेजी से आ रही ट्रेन के सामने पटरी पर लेटकर आत्महत्या करने की घटनाओं के कारण लोकल और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की आवाजाही कुछ समय के लिए बाधित हो जाती है। मृत व्यक्ति का शरीर पटरियों और ट्रेन के नीचे से निकालने में समय लगता है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही थम जाती है और यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ता है।

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