– नालों के कीचड़ दे रहे बड़ी बीमारियों को दावत
सामना संवाददाता / मुंबई
बीएमसी ने इस साल भी मानसून पूर्व नालों की सफाई का काम शुरू किया है। इस वर्ष २५ मार्च से नालों की सफाई शुरू हुई है। पिछले २१ दिनों में सिर्फ १० प्रतिशत ही सफाई हो पाई है, जबकि मानसून में दो महीना से भी कम समय बाकी है। अंधेरी वेस्ट, न्यू लिंक रोड मोगरा नाला की स्थिति बहुत ही खराब दिख रही है। इस वजह से लोग परेशान हैं। शिकायतों के बाद भी मनपा इस नाले की सफाई नहीं करवा रही है। यही हाल ओशिवरा नदी का भी है, जो बीमारी को दावत देती प्रतीत हो रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीएमसी बारिश के पहले सभी नाले और गटर साफ कर लेगी? सफाई की गति को देखकर तो यही लगता है कि इस बार बारिश अपने साथ आफत ला सकती है।
शहर में कई छोटे-बड़े नाले हैं और बीएमसी पर अक्सर समय पर नालों की सफाई न करने के आरोप लगते रहे हैं। हर साल बारिश के दौरान मुंबईकर मुसीबतों का सामना करते हैं। एक दिक्कत यह भी है कि जिन नालों की सफाई की जा रही है, उनसे निकली गंदगी को बाहर ही छोड़ दिया जा रहा है। इससे लोगों को न सिर्फ चलने में मुश्किल हो रही है, बल्कि तेज दुर्गंध भी आ रही है। बीएमसी का कहना है कि गाद सूखने के बाद उसे उठाया जाता है, लेकिन लोगों का आरोप है कि कई जगह गाद सूखने के बाद भी उसे उठाया नहीं जा रहा है। ऐसे में, लोगों को डर है कि अगर प्री-मानसून बारिश हो जाती है तो सारा कचरा फिर से नालों और गटरों में वापस चला जाएगा। बांद्रा और धारावी जैसे इलाकों में यही हाल है, जहां सबसे ज्यादा नाले हैं। यहां के लोगों का कहना है कि नालों से निकला गाद सड़क पर पैâल रहा है, जिससे लोग न पैदल चल पा रहे हैं और न ही वाहन ही ढंग से गुजर पा रहे हैं।
जगह-जगह खुदी सड़कें भी
बन सकती हैं मुसीबत
शहर में शायद ही कोई इलाका ऐसा हो, जहां खुदाई का काम नहीं चल रहा है। विभिन्न कामों के लिए खोदी गई सड़कें ऐसे ही छोड़ दी गई हैं, जिससे मानसून के दौरान दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा, सड़कों के गड्ढों को भरना भी शुरू नहीं किया गया है। बारिश के दौरान हर साल गड्ढों की वजह से हादसे होते हैं, जिनमें लोगों की जान भी जाती है। बीएमसी हर साल दावा करती है कि इस बार मुंबईकरों को मुश्किल नहीं होगी, लेकिन हर साल ही मुंबईकर परेशान होते हैं।