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मुंबईकरों का घुट रहा दम शहर में बढ़ी एलर्जी! …१० में से छह मरीज सर्दी-खांसी से हैं पीड़ित

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
जलवायु परिवर्तन और प्रदूषित वायु के कारण मुंबईकरों का दम घुटने लगा है। शहर में पिछले कुछ दिनों से ३० से ६५ साल के लोगों में एलर्जी, खांसी और सांस से संबंधी बीमारियों में इजाफा होने लगा है। इसी के साथ ही स्किन और आंखों में संक्रमण के भी मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। चिकित्सकों के मुताबिक, मुंबई के विभिन्न अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले हर १० में से छह मरीज सर्दी और खांसी से पीड़ित हैं। उन्होंने सलाह दी है कि बाहर मास्क और घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से मुंबई शहर में जलवायु परिवर्तन का असर देखा जा रहा है। इसी के साथ ही ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण भी बढ़ गया है। इसके चलते मुंबईकरों में एलर्जी, खांसी और सांस से संबंधी बीमारियों का ग्राफ बढ़ गया है। जायनोवा शाल्बी अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. निमित नागदा ने कहा कि मुंबई में हवा की गुणवत्ता दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण श्वसन प्रणाली प्रभावित हो रही है। इसके शिकार खासकर ३० से ६५ वर्ष की आयु के वयस्क हो रहे हैं।
दवा लेने के बाद भी कम नहीं हो रहे लक्षण
डॉ. नागदा ने कहा कि वायु प्रदूषक और एलर्जी कारक स्मॉग समस्या को बढ़ा रहा है। ये स्थितियां वायुमार्ग में सूजन पैदा कर सकती हैं। यह एलर्जी संबंधी खांसी और सर्दी की संभावना को बढ़ा सकती हैं, जो लंबे समय तक रह सकती हैं। मुंबई में सर्दियों के मौसम में तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि, इस साल दवा लेने के बाद भी मरीजों के लक्षण कम नहीं हो रहे हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कर रहा कमजोर
मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में जनरल फिजिशियन डॉ. छाया वाजा ने कहा कि सर्दियों में प्रदूषण के कारण एलर्जी खांसी और जुकाम जैसी सांस संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। पार्टिकुलेट मैटर और अन्य प्रदूषकों का उच्च स्तर श्वसन पथ को नुकसान पहुंचाता है। इतना ही नहीं ये प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर करते हैं। फिलहाल, मरीजों को एंटीहिस्टामाइन, कफ सिरप, एंटीबायोटिक आदि दवाएं दी जा रही हैं।

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