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मौसम की अठखेलियों से बीमार हो रहे मुंबईकर! …तापमान व प्रदूषण से फिर बढ़े श्वसन विकार

अस्पतालों में पहुंच रहे सर्दी, खांसी और गले में गंभीर खराश के शिकार
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में बीते दो सप्ताह से मौसम अठखेलियां खेल रहा है। दिन में गर्मी और रात में ठंड से मुंबईकर परेशान हो चुके हैं। पिछले तीन दिनों से रात में इस कदर जाड़ा पड़ रहा है कि मुंबईकर कांप रहे हैं। मौसम के इस खेल से मुंबईकर बीमार पड़ने लगे हैं। शहर के अस्पतालों में सर्दी, खांसी और गले में गंभीर खराश से पीड़ित रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक, इसके लिए दिन और रात के तापमान में उतार-चढ़ाव के साथ ही प्रदूषण भी जिम्मेदार है। इसके कारण श्वसन संबंधी विकार के मामले भी बढ़ने लगे हैं। फिलहाल, अगले कुछ दिनों तक मुंबई में ठंडी हवाएं और कम तापमान बना रहेगा।
उल्लेखनीय है कि मुंबई और महाराष्ट्र समेत पूरे हिंदुस्थान के मौसम में उतार-चढ़ाव दिखाई दे रहा है। प्रदेश में कहीं बारिश हो रही है तो कहीं गर्मी और ठंड पड़ रही है। मौसम में इस तरह के परिवर्तन का असर सीधे लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इस तरह का मौसम बुजुर्गों, बच्चों और विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है। चिकित्सकों के मुताबिक, बच्चों और किशोरों में सबसे पहले वायरल बीमारी की वजह से खांसी शुरू हो रही है, जो बढ़कर ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण पैदा कर रही है। इन मरीजों पर सामान्य खांसी की दवा का असर ही नहीं हो रहा है। इसे ठीक करने के लिए इन्हेल स्टेरॉयड की आवश्यकता हो रही है।
अस्पतालों में पहुंच रहे ४०-५० फीसदी रोगी
डॉक्टरों के अनुसार, मनपा, सरकारी और निजी अस्पतालों के ओपीडी में आनेवाले लगभग ४०-५० फीसदी मरीजों की श्वसन संबंधी बीमारी, खांसी, सर्दी और चक्कर आने की शिकायत है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसके लिए न केवल मौसम के उतार-चढ़ाव को जिम्मेदार ठहराया है, बल्कि प्रदूषण और धुंध भरी हवा में सांस लेने के कारण लंबे समय तक सांस संबंधी समस्याओं से जूझना भी बताया है। उन्होंने ऐसी बीमारियों के पीछे स्वास्थ्य के प्रति लोगों की लापरवाही को भी एक कारण के रूप में रेखांकित किया।
मुंबई में कभी नहीं देखी हवा की इतनी खराब गुणवत्ता
जेजे अस्पताल में प्रोफेसर डॉ. मधुकर गायकवाड ने कहा कि मुंबई में अपने कई वर्षों के अभ्यास में मैंने हवा की गुणवत्ता इतनी खराब कभी नहीं देखी, जितनी अब है। मेरे अधिकांश मरीज लंबे समय से खांसी और गले में गंभीर खराश से पीड़ित हैं। कुछ को इलाज के बाद भी लगातार खांसी हो रही है। बीते कुछ दिनों से रोजाना सूखी खांसी के ८-१० मामले सामने आ रहे हैं। निजी अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि ८० फीसदी रोगियों को वायु प्रदूषण से उत्पन्न समस्याएं हो रही हैं।
इन्फ्लूएंजा के मामलों में भी हुई बढ़ोतरी
डॉ. गायकवाड ने कहा कि हम इन्फ्लूएंजा के मामलों में भी बढ़ोतरी देख रहे हैं। खासकर, पिछले १५ दिनों में ज्यादातर एच३एन२ के मरीज मिले हैं। कई मरीजों में लगातार सूखी खांसी की शिकायत है। फेफड़े और हृदय की बीमारी वाले लोग निमोनिया सहित अधिक गंभीर स्थितियों के साथ आ रहे हैं। ऐसे रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है।

 

 

 

 

 

 

 

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