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मुंबईकरों ने मेट्रो-३ से मुंह मोड़ा! …दूसरे महीने यात्रियों की संख्या ६८ हजार से ज्यादा घटी

-प्रतिदिन साढ़े ४ लाख यात्रियों के सफर की थी उम्मीद
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबईकरों ने ‘कुलाबा-बांद्रा-सीप्ज मेट्रो ३’ रूट के आरे-बीकेसी सेक्शन से मुंह मोड़ लिया है। इस रूट पर यात्रियों की ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा था। अब इस रूट पर दैनिक यात्रियों की संख्या भी काफी कम हो गई है। दूसरे महीने में यात्रियों की संख्या में सीधे तौर पर ६८ हजार ८९६ की कमी आई है, जबकि दैनिक यात्रियों की संख्या में २,९०३ की कमी आई है।
इस रूट के शुरू होने के बाद से दो महीनों में कुल १३ हजार ४८० फेरी मेट्रो चलाई गई। इसमें कुल ११ लाख ९७ हजार ५२२ यात्रियों ने मेट्रो से यात्रा की। उल्लेखनीय है कि शुरुआत के बाद पहले महीने में इस रूट पर ६ लाख ३३ हजार २०९ यात्रियों ने यात्रा की। दूसरे महीने में यह संख्या सिर्फ ५ लाख ६४ हजार ३१३ थी। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ३३.५ किमी लंबी भूमिगत मेट्रो लाइन का निर्माण कर रहा है। मार्ग का १२.५ किमी लंबा आरे-बीकेसी खंड ७ अक्टूबर को सेवा में लाया गया था। एमएमआरसी सहित सभी को उम्मीद थी कि इस मार्ग को लोगों का भारी प्रतिसाद मिलेगा। हकीकत में इस रूट को बहुत कम रिस्पॉन्स मिल रहा है।
इस रूट से प्रतिदिन साढ़े चार लाख यात्रियों के सफर करने की उम्मीद थी। हालांकि, ७ अक्टूबर से ७ नवंबर के बीच इस रूट पर प्रतिदिन यात्रियों की औसत संख्या २१ हजार १०६ थी। दूसरे महीने यानी ७ नवंबर से ७ दिसंबर के बीच दैनिक यात्रियों की संख्या में कमी आई। इस दौरान रूट पर दैनिक यात्रियों की औसत संख्या १८ हजार २०३ रही। इस डेटा से यह स्पष्ट है कि दूसरे महीने में दैनिक यात्रियों की संख्या में २,९०३ की कमी आई है। कहा जा रहा है कि मेट्रो स्टेशन से वांछित गंतव्य और पूरे रूट पर जाने की कोई सुविधा नहीं है।
कुछ यात्रियों की प्रतिक्रिया जानने के बाद उनमें से कई ने कहा कि वे ट्रेन और बेस्ट बस से यात्रा करने के आदी हैं और यह विकल्प आसान है। उधर, इस बारे में पूछे जाने पर एमएमआरसी के वरिष्ठ अधिकारियों से कोई जवाब नहीं मिल सका।

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