मुख्यपृष्ठनए समाचारट्रैफिक पुलिस की ... ‘वसूली संस्कृति’ से परेशान मुंबईकर! ...वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों...

ट्रैफिक पुलिस की … ‘वसूली संस्कृति’ से परेशान मुंबईकर! …वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर भी लग रहे गंभीर आरोप

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई सहित आस-पास के उपनगरों में ट्रैफिक पुलिस की रोजाना बढ़ती दादागिरी को लेकर नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा है। हर चौराहे पर ये पुलिसकर्मी ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े होने की बजाय पेड़ों के पीछे कारों के पीछे छिपकर खड़े हो जाते हैं, इसके बाद वे अचानक वाहनों के सामने कूद पड़ते हैं और लोगों से पैसे वसूलते हैं। पैसे नहीं देने पर मनमानी चालान काटने का आरोप नागरिकों द्वारा लगाया जा रहा है। ऐसा लगातार होने से नागरिकों को परेशानी हो रही है। इसके खिलाफ अब नागरिकों द्वारा रोष प्रकट किया जा रहा है।
दरअसल, नियमों के मुताबिक, ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस से अपेक्षा की जाती है कि वे वहां खड़े हों, जहां वाहन चालक उन्हें देख सकें। इसके अलावा आज के डिजिटल युग में, ट्रैफिक पुलिस के पास मोबाइल एप के माध्यम से उल्लंघनकर्ताओं की तस्वीर लेकर उन्हें ई-चालान भेजने की सुविधा है। इसके बावजूद सड़क किनारे छुपकर खड़े पुलिसवालों को अचानक वाहन चालकों के सामने कूदने की क्या जरूरत है? यही वो सवाल है, जिसके बारे में लोग अब सोच रहे हैं।
इस संबंध में कुछ चौंकानेवाली जानकारी सामने आ रही है। सूत्रों की मानें तो ट्रैफिक सिपाहियों को वसूली का लक्ष्य दिया गया है। बरामद धन का एक हिस्सा वरिष्ठ अधिकारियों को दिया जाता है, दूसरा भाग सभी कांस्टेबलों में बांट दिया जाता है। नागरिक यह भी आरोप लगा रहे हैं कि यह पूरा आइडिया वरिष्ठ अधिकारियों का है। इसलिए मुंबईकर ऐसी ‘वसूली संस्कृति’ के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। दिवाली होने के कारण देखा जा रहा है कि इस कलेक्शन की रकम भी बढ़ी हुई है।

अन्य समाचार