सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य सरकार विकास के नाम पर मुंबई के गौरव मरीन ड्राइव को विनाश की ओर ले जा रही है। सरकार ने मरीन ड्राइव के एक हिस्से को मौजूदा छह लेन से १२ लेन तक चौड़ा करने की योजना बनाई है, ताकि ट्रैफिक जाम से बचा जा सके, जो कि मुंबई पोर्ट अथॉरिटी (एमबीपीए) के अंदर ऑरेंज गेट और मरीन ड्राइव को जोड़ने वाली सुरंग के २०२८ तक पूरा होने के उम्मीद है। हालांकि, इससे पर्यावरण क्षति की भी आशंका जताई जा रही है।
राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस विचार को हरी झंडी दे दी, जहां ऑरेंज गेट-मरीन ड्राइव सुरंग और कोस्टल रोड की मरीन ड्राइव शाखा के कारण भविष्य में प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाईओवर और एनसीपीए के बीच के हिस्से में यातायात जाम के मुद्दे पर चर्चा की गई। फडणवीस ने मीडिया को एक टेक्स्ट संदेश में निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि यह शहर की २५ साल आगे की जरूरतों का समाधान है।
उन्होंने कहा कि हमने पीक ऑवर्स के दौरान कोस्टल रोड सुरंग के कारण इस बिंदू पर ट्रैफिक जाम देखा है। हालांकि, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि क्वींस नेकलेस की प्रकृति में कोई बदलाव न हो। ऑरेंज गेट-मरीन ड्राइव सुरंग का निर्माण मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा ईस्टर्न प्रâीवे और अटल सेतु को मरीन ड्राइव और कोस्टल रोड से जोड़ने के लिए किया जा रहा है। सरकार ने निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए रिंग रोड जैसी परियोजना की योजना बनाई है।
सरकार को जनता की राय लेनी चाहिए
`नई योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए मरीन ड्राइव रेजिडेंट्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह संभव होगा, सरकार को जनता की राय लेनी होगी। हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यातायात की स्थिति खराब हो रही है।’
औसत लागत रु.२,०००-२,५०० करोड़
सूत्रों के मुताबिक मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने सुरंग के लिए २०२३ में एनओसी दे दी थी, लेकिन हाल ही में उसने एमएमआरडीए और राज्य सरकार को सुरंग पूरी होने पर यातायात जाम की संभावना के बारे में चेतावनी दी थी। इसके बाद एमएमआरडीए ने कुछ वैकल्पिक मार्ग तैयार किए। इसके कुछ विकल्प ओवल मैदान के नीचे सड़क बनाना या नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना के कब्जे वाले क्षेत्र के नीचे सड़क बनाना आदि थे। औसत लागत २,०००-२,५०० करोड़ रुपए या उससे अधिक आंकी थी।