सामना संवाददाता / मुंबई
भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगने के बाद राज्य के वरिष्ठ मंत्री धनंजय मुंडे की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उन पर किसी भी समय एक्शन हो सकता है। ऐसे में धनंजय मुंडे का इस्तीफा लिया जा सकता है। इस्तीफे को लेकर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने गेंद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पाले में डाल दी है। ऐसे राजनीतिक गलियारों में चुटकी लेने के अंदाज में कहा जा रहा है कि अब मुंडे की ‘मुंडी’ सीएम के हाथ में है।
बता दें कि एक बयान में अजीत पवार ने मुंडे के मामलों से खुद को दूर करते हुए कहा कि धनंजय मुंडे के मामले का फैसला अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथ में होगा। उन्होंने कहा कि अंजलि दमानिया द्वारा लगाए गए आरोपों और सबूतों की जो जानकारी उन्हें मिली थी, वह उन्होंने मुख्यमंत्री को सौंप दी है। इसी के साथ अजीत पवार ने यह कहा कि अब धनंजय मुंडे के मामले में क्या करना है, यह फैसला सीएम देवेंद्र फडणवीस ही करेंगे। इतना ही नहीं, अजीत पवार ने यह भी कहा कि अगर आरोपों में सच्चाई होगी तो जांच होगी और मुख्यमंत्री जांच का आदेश दे सकते हैं। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री फडणवीस इस मामले में क्या फैसला लेते हैं।
बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने मंत्री धनंजय मुंडे का तुरंत इस्तीफा मांगा है। उन्होंने दावा किया है कि वाल्मीक कराड के डायरेक्टर पद पर रहने वाली कंपनी में मंत्री धनंजय मुंडे और उनकी पत्नी राजश्री मुंडे सह-भागीदार (सह-होल्डर) थे। इस दावे को लेकर अंजलि दमानिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी बात रखी है और इससे जुड़े दस्तावेज उन्होंने उप मुख्यमंत्री अजीत पवार को भी सौंपे हैं। अंजलि दमानिया ने लिखा है कि वेंकटेश्वर इंडस्ट्रियल सर्विसेज नाम की कंपनी के मेजोरिटी शेयर होल्डर धनंजय मुंडे और राजश्री मुंडे हैं। पहले इस कंपनी के डायरेक्टर वाल्मीक कराड थे और आज भी वह शेयर होल्डर हैं।
दमानिया ने आरोप लगाया कि मंत्री पद पर रहते हुए धनंजय मुंडे ने एक ऐसी कंपनी से फायदा उठाया, जो राज्य की सरकारी उप कंपनी से जुड़ी है।