रु. १४.५ करोड़ की योजना, लेकिन समाधान नहीं
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए मुंबई मनपा ने ७२ घंटे पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) की भविष्यवाणी करने के लिए एक नई प्रणाली अपनाने का पैâसला किया है।
मिली जानकारी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट की लागत करीब १४.५ करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस प्रणाली को भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) विकसित करेगा, जो हवा की गति, दिशा, तापमान और नमी के आधार पर प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या सिर्फ भविष्यवाणी करने से प्रदूषण को रोका जा सकता है?
मनपा की २०२४ की पर्यावरण स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, चेंबूर और बीकेसी शहर के सबसे प्रदूषित क्षेत्र में स्थित है। चेंबूर में पीएम १० का स्तर १२० माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गया है, जबकि आदर्श सीमा ६० माइक्रोग्राम होनी चाहिए। इसी तरह, बीकेसी में पीएम १० का स्तर १०२ माइक्रोग्राम दर्ज किया गया है। शहर में औसत पीएम २.५ का स्तर भी ४० माइक्रोग्राम की सीमा से ज्यादा है, जिससे सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।
निर्माण स्थलों पर उड़ती धूल, पुराने वाहन, ट्रैफिक जाम और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। मनपा ने धूल को नियंत्रित करने के लिए नियम तो बनाए हैं, लेकिन उनका पालन करवाने में पूरी तरह विफल रही है। वाहन प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है और न ही हरित क्षेत्रों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।